सार

दिल्ली विधानसभा चुनावों में AI के बढ़ते इस्तेमाल पर चुनाव आयोग ने चिंता जताई है और राजनीतिक दलों को AI-जनरेटेड कंटेंट के इस्तेमाल में पारदर्शिता बरतने की सलाह दी है। AI से बने कंटेंट पर लेबल लगाना अनिवार्य होगा।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इस बीच चुनाव आयोग ने गुरुवार को राजनीतिक दलों को सलाह जारी की। इसके कहा गया है कि राजनीतिक प्रचार में AI (Artificial Intelligence) के इस्तेमाल में पारदर्शिता रखी जाए। इसका इस्तेमाल जवाबदेही से किया जाए।

दरअसल, राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार में एआई का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसके साथ ही मतदाताओं की राय प्रभावित करने और चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास खत्म करने की एआई की क्षमता को लेकर चिंता बढ़ गई है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने यह निर्देश जारी किया है।

AI-जनरेटेड कंटेंट के साथ लगाना होगा लेबल

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के दी अपनी एडवाइजरी में कहा है कि AI-जनरेटेड या इससे एडिट किए गए कंटेंट के साथ लेबल लगाना होगा। बताना होगा कि इसे AI की मदद से तैयार किया गया है। चाहे वह कंटेंट फोटो, वीडिया या ऑडियो हो। इस तरह के सिंथेटिक कंटेंट से प्रचार किया जाता है तो उसके साथ डिस्क्लेमर भी दिया जाए।

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा, "डीप फेक और गलत सूचना चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास को खत्म करने की क्षमता रखती है।" उन्होंने एआई और डीप फेक तकनीकों के दुरुपयोग को लेकर चेतावनी दी है। कहा है कि इसके लिए सतर्कता बरती जानी चाहिए।

यह एडवाइजरी चुनाव में सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए आयोग के पिछले प्रयासों पर आधारित है। आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल प्लेटफॉर्म के जिम्मेदारी से उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।

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2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक अलग पहल में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (आर. एलिस वाज ने 70 निर्वाचन क्षेत्रों में 3,000 से अधिक ऑटो-रिक्शा का इस्तेमाल कर एक अभियान शुरू किया। इन वाहनों को नागरिकों को उनके मतदान अधिकारों का प्रयोग करने के लिए शिक्षित और प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है।