सार
नई दिल्ली। 5 फरवरी के दिन दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। इसको लेकर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच जमकर टकरार देखने को मिल रही है। मंगलवार के दिन दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में बीजेपी ने आप पर गंभीर आरोप लगाया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि स्कूलों को मिली धमकियों के पीछे एक नाबालिग बच्चे का हाथ था। उसके माता-पिता एक एनजीओ से जुड़े हैं। बीजेपी के इ न आरोपों का आप ने जबरदस्त जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जो खुलासे पुलिस नहीं करती वे सुधांशु त्रिवेदी करते हैं।
दरअसल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के वक्त प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि आपको याद होगा दिल्ली के तमाम स्कूलों में बम धमाके की कई कॉल्स और ई-मेल आये थे। जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि ये ई-मेल अल्पव्यस्क व्यक्ति के द्वारा आ रहे थे। कोई नाबालिग बालक क्या अपने मन से ऐसा कर रहा है या क्या वो सिर्फ एक मोहरा है? उसके माता-पिता और पीछे के एनजीओ है उनकी इसमें कोई भूमिका है जिससे दिल्ली की कानून व्यवस्था को बिगाड़ कर दिल्ली में भय का वातावरण उत्पन्न कर के कोई राजनीतिक लाभ या राजनीतिक विचारधारा की पुष्टि की जा सके।
ये भी पढ़ें- दिल्ली वालों की हुई बल्ले-बल्ले, वोट के लिए यह पार्टी बांट रही सोने की चैन?
आप संग गहरा नाता
इसके अलावा डॉ. सुधांश त्रिवेदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम सभी जानते है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का बहुत गहरा संबंध है, न सिर्फ तमाम ऐसे आवांछित एनजीओ से रहा है और तमाम ऐसी गतिविधियों से रहा है जो अफजल गुरु की फांसी और देशविरोधी तमाम गतिविधियों में लिप्त रहे हैं, फरवरी 2015 में जो टुकड़े-टुकड़े का नारा लगा था। वो अफजल गुरु की बरसी के ऊपर था और जिसकी फाइल को महीनों तक आम आदमी पार्टी ने बचा के रखा था। अब ये सवाल गहरा रहा है कि वो एनजीओ कौन है, उनका आम आदमी पार्टी से कोई संबंध है क्या?
ये भी पढ़ें- CM आतिशी ने दाखिल किया नामांकन, आधिकारिक तौर पर कालकाजी सीट से हुआ चुनावी आगाज
आप का बीजेपी को करारा जवाब
इन आरोपों का जवाब देते हुए जो खुलासे कोई पुलिस नहीं करती है वो सुधांशु त्रिवेदी करते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को जो धमकी मिल रही है। बीजेपी उसका फायदा उठा रही है। बीजेपी को दिल्ली और देश की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। इनके पास केवल आरोप-प्रत्यारोप है। बिना आरोपों और सबूतों के कुछ भी कहना किस तरह की राजनीति है?