सार

आरजेडी से निकाले गए तेज प्रताप यादव अब किस चाल की तैयारी में हैं? क्या बनेगी नई पार्टी, होगा किसी बड़ी पार्टी से गठबंधन या निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव? या पिता से सुलह कर फिर से लौटेंगे आरजेडी में? जवाब छिपा है उनकी अगली चाल में।

 

Bihar Assembly Election 2025: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी  6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। तेज प्रताप ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट कर दावा किया था कि वे 12 साल से एक महिला के साथ रिलेशनशिप में हैं। पोस्ट बाद में डिलीट कर दी गई, लेकिन नुकसान हो चुका था।

पहले भी बना चुके हैं अपने संगठन

तेज प्रताप का पार्टी से बाहर होना कोई नई बात नहीं है। जब भी उन्हें आरजेडी में अनदेखी महसूस हुई, उन्होंने अपने संगठन बनाए:

तेज सेना (2019): यादव समुदाय को जोड़ने का प्रयास।

यदुवंशी सेना: जातीय लामबंदी के लिए बनाया गया संगठन।

DSS (2017): RSS की तर्ज पर एक धर्मनिरपेक्ष युवा संगठन।

लालू-राबड़ी मोर्चा (2019): पार्टी की आंतरिक राजनीति से नाराज होकर शुरू किया गया।

छात्र जनशक्ति परिषद (2021): शिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर केंद्रित छात्र संगठन।

गठबंधन या नई पार्टी का रास्ता? (Tej Pratap new party)

विशेषज्ञ मानते हैं कि तेज प्रताप एक बार फिर नई पार्टी या संगठन की घोषणा कर सकते हैं। वे जेडी(यू) या भाजपा जैसे विकल्पों को भी टटोल सकते हैं, लेकिन उनकी छवि और विचारधारा इसमें बाधा बन सकती है।

निर्दलीय लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेज प्रताप यादव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। अगर वे यादव-मुस्लिम बहुल सीट चुनते हैं, तो आरजेडी के लिए यह खतरे की घंटी हो सकती है। ऐसी स्थिति में RJD उन्हें टक्कर देने के बजाय उस सीट को सहयोगी दल को दे सकती है।

लालू से सुलह भी मुमकिन

हालांकि अभी पिता-पुत्र के रिश्ते तल्ख हैं, लेकिन तेज प्रताप पहले भी पार्टी से अलग होने के बाद लौट चुके हैं। पर्यवेक्षकों का मानना है कि दबाव और रणनीति के तहत उन्हें फिर से आरजेडी में जगह मिल सकती है।

तेज प्रताप की ‘राजनीतिक पुनरावृत्ति’ या स्थायी विदाई?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप की अगली राजनीतिक चाल क्या होती है। क्या वे बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण गढ़ेंगे या एक बार फिर पारिवारिक रिश्तों के तहत पार्टी में वापसी करेंगे?