सार

पीएम मोदी ने भागलपुर की जनसभा में मखाना को सुपरफूड बताया और रोजाना खाने की बात कही। बजट में मखाना किसानों के लिए बोर्ड बनाने का भी ऐलान किया गया। जानिए मखाना के फायदे और इसकी खेती कैसे होती है।

Bihar Makhana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को बिहार के भागलपुर में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार के मखाना की बात की। पीएम मोदी ने मखाना को सुपर फूड बताया।

नरेंद्र मोदी ने कहा, "बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं जिनका पहली बार निर्यात शुरू हुआ है। अब बारी बिहार के मखाना की है। मखाना आज देश के शहरों में सुबह के नाश्ते का प्रमुख अंग बन चुका है। मैं भी 365 दिन में से 300 दिन मखाना जरूर खाता हूं। ये सुपर फूड है, जिसे अब दुनिया के बाजारों तक पहुंचाना है। इसलिए इस वर्ष के बजट में मखाना किसानों के लिए मखान बोर्ड बनाने का फैसला किया गया है।"

पोषण का खजाना है मखाना

मखाना में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जिससे यह पचने में आसान होता है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है। प्रत्येक 100 ग्राम मखाना में सिर्फ 0.1 ग्राम फैट, 76.9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 9.7 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। मखाना खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसके साथ ही हृदय का स्वास्थ्य बेहतर होता है। कम कैलोरी होने से इसका सेवन डायबिटिज के मरीज भी कर सकते हैं।

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क्या है मखाना?

मखाना कमल के बीज हैं। इसकी खेती बिहार के मिथलांचल इलाके में होती है। मखाने की खेती तालाब या ऐसी जमीन में होती है जहां पानी जमा रहे। मखाना सितंबर से नवंबर के बीच खेत से निकाला जाता है। इसके लिए किसानों को पानी में घुसकर कमल के बीजों को हाथ से निकालना होता है।

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कमल के बीज का खोल बेहद सख्त होता है। मखाना को खाने लायक बनाने के लिए पहले बीज को धूप में अच्छी तरह सुखाया जाता है। इसके बाद उसे आग पर भूना जाता है। अच्छी तरह भूने जाने पर कमल के बीज चटखने के लिए तैयार हो जाते हैं। इसके बाद इन्हें लकड़ी के हथौड़े से मारकर फोड़ा जाता है, जिससे मखाना निकलता है।