सार
बिहार न्यूज: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर का अनशन जारी है। इस बीच BPSC की ओर से प्रशांत किशोर को कानूनी नोटिस भेजा गया है। इसमें आयोग के वकील ने BPSC पर लगे आरोपों पर तथ्यों के साथ जवाब मांगा है। दरअसल, जब प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में अनशन पर थे, तब उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कई बार आयोग पर पैसे लेकर सीटें बेचने का आरोप लगाया था।
BPSC ने भेजा कानूनी नोटिस
प्रशांत किशोर ने कहा था कि BPSC में हर पद के लिए 30 लाख से लेकर 1.5 करोड़ रुपये में डील होती है। इसलिए BPSC परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा नहीं कराना चाहता। जन सुराज के संयोजक के इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए BPSC ने कानूनी नोटिस भेजा है। उन्हें 7 दिनों के अंदर नोटिस का जवाब देने और आरोपों को साबित करने को कहा गया है। अन्यथा आयोग उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।
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अस्पताल में भर्ती हैं प्रशांत किशोर
बता दें कि प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी 2025 को पटना के गांधी मैदान से अपना आमरण अनशन शुरू किया था। 6 जनवरी को पटना पुलिस ने उन्हें सुबह करीब 4 बजे गिरफ्तार कर लिया था। उसी दिन देर शाम सिविल कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। जमानत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। इसके बाद 7 जनवरी को तबीयत बिगड़ने पर प्रशांत किशोर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से वे अस्पताल में भर्ती हैं। इस दौरान उनका आमरण अनशन भी जारी है।
पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर
बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर जन सूरज की ओर से पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया है. इस पर 15 जनवरी को सुनवाई होनी है।
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