Water Metro in Patna: पटना में गंगा नदी पर वाटर मेट्रो चलाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। यह मेट्रो पहलेजा से बिदुपुर तक चलेगी और इसमें 6 घाट शामिल होंगे। 2026 में सेवा शुरू होने की उम्मीद है।

Patna water metro project: 15 अगस्त 2025 को जब पटना मेट्रो रेल का पहला चरण शुरू होगा, तब उसी के साथ बिहार की राजधानी एक और ऐतिहासिक कदम की ओर बढ़ रही होगी, गंगा नदी में वाटर मेट्रो की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। यह परियोजना राजधानी को नई पहचान देने के साथ-साथ परिवहन के क्षेत्र में एक अभिनव प्रयोग साबित हो सकती है।

Water Metro : अब गंगा पर चलेगी ‘नदी की मेट्रो’

गंगा नदी में शुरू होने वाली इस वाटर मेट्रो की क्षमता 100 यात्रियों की होगी और इसका अनुमानित किराया 20 से 40 रुपये के बीच होगा। योजना पर कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (KMRL) के विशेषज्ञों की टीम द्वारा गहन अध्ययन किया जा रहा है। हाल ही में KMRL के तीन सदस्यीय दल ने पटना में कई स्थानों पर जाकर व्यवहारिकता और संभावनाओं का आकलन किया है।

पहलेजा से बिदुपुर तक होगा सफर, 6 घाटों से होकर गुजरेगी वाटर मेट्रो

प्रस्तावित योजना के अनुसार, वाटर मेट्रो का रूट छपरा के पहलेजा घाट से वैशाली के बिदुपुर घाट तक होगा। यह यात्रा लगभग 50 किलोमीटरकी होगी और इसमें 6 प्रमुख घाटों को जोड़ा जाएगा:

  1. पहलेजा घाट 
  2. दीघा घाट 
  3. कोनहारा घाट 
  4. हरिहरनाथ मंदिर घाट 
  5. कंगन घाट
  6.  बिदुपुर घाट

इन सभी स्थानों पर बंदरगाह का निर्माण या विकास अंतिम रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा एनआईटी घाट पर पहले से बने जेटी को विकसित किया जाएगा और गायघाट को भी शामिल करने की संभावना है।

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जलस्तर और सुरक्षा पर विशेष फोकस

कोच्चि मेट्रो की विशेषज्ञ टीम जुलाई में एक बार फिर पटना पहुंचेगी, जहां वे गंगा के बरसात के मौसम में जलस्तर, बहाव, और करंट का अध्ययन करेंगे। इसका उद्देश्य यह तय करना है कि किस क्षमता के इंजन और डिजाइन वाले जलयान इस मार्ग पर सुरक्षित और सुगमता से संचालित हो सकते हैं। मानसून और गर्मी के मौसम में पानी की मात्रा के अनुसार अलग-अलग इंजन कैपेसिटी पर विचार किया जा रहा है।

जानिए कितनी दूरी तय करेगा वाटर मेट्रो रूट

घाटदूरी (किमी)
पहलेजा घाट से दीघा घाट10.62 किमी
दीघा घाट से एनआईटी घाट6.63 किमी
एनआईटी घाट से हरिहरनाथ घाट8.32 किमी
एनआईटी घाट से कंगन घाट7 किमी
कंगन घाट से बिदुपुर घाट10.7 किमी

सौर ऊर्जा से चलेगा इलेक्ट्रॉनिक जलयान

इस परियोजना के तहत जो इलेक्ट्रॉनिक जल यान उपयोग में लाए जाएंगे, वे खास डिजाइन किए गए होंगे और सौर ऊर्जा से भी संचालित किए जा सकेंगे। इन जलयानों को गंगा की गहराई और बहाव के अनुसार अनुकूलित किया जाएगा ताकि पूरे साल इनमें यात्रा करना सरल, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल हो।

दिसंबर तक आएगी अंतिम रिपोर्ट, 2026 में हो सकती है शुरुआत

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के पटना निदेशक अरविंद कुमार ने जानकारी दी है कि दिसंबर 2025 तक वाटर मेट्रो परियोजना की अंतिम रिपोर्ट मिलने की संभावना है। रिपोर्ट आने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और अनुमान है कि 2026 के मध्य तक पटना में वाटर मेट्रो सेवा शुरू हो सकती है।

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