बिहार विधानसभा में बुधवार को वैशाली में गलवान शहीद के पिता की गिरफ्तारी का मुद्दा गरमाया। विपक्षी दल भाजपा ने मुद्दा उठाते हुए नीतीश सरकार पर शहीदों के अपमान का आरोप लगाया।

पटना। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान शहीद के पिता को घसीटकर थाने ले जाने और गाली देने के संबंध में सीएम नीतीश कुमार से बात की और कहा कि ये अच्छा नहीं हुआ। सीएम ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उधर बिहार विधानसभा में भी बुधवार को वैशाली में गलवान शहीद के पिता की गिरफ्तारी का मुद्दा गरमाया। विपक्षी दल भाजपा ने मुद्दा उठाते हुए नीतीश सरकार पर शहीदों के अपमान का आरोप लगाया। 

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और मंत्री विजय चौधरी के बीच इसको लेकर नोंकझोंक भी हुई। भाजपा सदस्य वेल में आ गए और तख्तियां लहराते हुए रिपोर्टर टेबल पर चढ गए। हंगामा इतना बढा कि स्पीकर को स्थिति पर नियंत्रण के लिए मार्शल बुलाने पड़े। फिर विपक्षी दल सदन से वाकआउट कर गया। 

कुर्सियां उठाकर हंगामा करने लगे बीजेपी विधायक

दरअसल, बिहार विधानसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह शुरु हुई तो भाजपा विधायक सदन में प्रदर्शन करने लगे। आक्रोशित बीजेपी विधायक सदन में कुर्सियां उठाकर हंगामा करने लगे। स्पीकर विपक्षी दलों के सदस्यों से कहा कि यह सही नहीं है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि नीतीश सरकार शहीदों का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके पहले सरकार के मंत्री सुरेंद्र यादव सेना पर अपमानजनक बयान दे चुके हैं। अब वैशाली में गलवान शहीद जय किशोर के पिता को अरेस्ट किया गया है।

 

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मुख्य सचिव ने क्या कहा?

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि गलवान घाटी के शहीद स्वर्गीय जय किशोर सिंह के पिता राजकपूर सिंह को अतिक्रमण एवं अन्य मामले में जेल भेजे जाने और उनके साथ कथित दुर्व्यवहार की जानकारी प्राप्त हुई है। इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। जांच दल का गठन कर जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला?

दरअसल, गलवान घाटी के शहीद जय किशोर के ​परिजनों ने वैशाली जिले के जहांदा इलाके में घर के सामने सरकारी जमीन पर स्मारक बनाया था। शहीद के परिवार पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था। उसी विवाद में शहीद के पिता पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया था। जबकि शहीद के परिजनों का कहना है कि अधिकारियों की मौजूदगी में स्मारक बनवाया गया था। अब पुलिस उसे हटा रही है।

सेना ने लिया था संज्ञान

एशियानेट न्यूजेबल ने शहीद के पिता राजकपूर की दुर्दशा को सबसे पहले प्रकाशित किया था। इस घटना से पूरा देश स्तब्ध था। एशियानेट न्यूजेबल की रिपोर्ट का भारतीय सेना ने संज्ञान लिया और शहीद जवान के परिवार की मदद के लिए आगे आयी। सेना की एक टीम ने शहीद जवान जय किशोर सिंह के गांव का दौरा किया और परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

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