पारू विधानसभा चुनाव 2025 में मुकाबला रोमांचक है। भाजपा के अशोक कुमार सिंह चौथी जीत की कोशिश में हैं, जबकि राजद और निर्दलीय उम्मीदवार कड़ी चुनौती देने को तैयार हैं। क्या इस बार होगा सियासी उलटफेर या फिर कमल ही खिलेगा?

Paru Assembly Election 2025: पारू विधानसभा चुनाव 2025 (Paru Assembly Election 2025) इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है। मुजफ्फरपुर जिले की यह सीट पूरी तरह से ग्रामीण है और यहां के वोटरों का रुझान हमेशा बिहार की राजनीति को दिशा देता रहा है। पिछले 15 सालों से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दबदबा कायम है। भाजपा के दिग्गज नेता अशोक कुमार सिंह ने लगातार तीन बार चुनाव जीता है। लेकिन 2025 में सियासी समीकरण बदले हुए दिख रहे हैं और मुकाबला कड़ा हो सकता है।

पारू सीट का इतिहास और बीजेपी का दबदबा

2010 चुनाव (Paru Assembly Election 2010)

भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने 53,609 वोट पाकर जीत दर्ज की। उनके सामने राजद (RJD) के मिथिलेश प्रसाद यादव थे, जिन्हें 34,582 वोट मिले। बीजेपी ने यह चुनाव 19,027 वोटों के अंतर से जीता।

2015 चुनाव (Paru Assembly Election 2015)

यहां फिर अशोक कुमार सिंह मैदान में उतरे और 80,445 वोट पाकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की। इस बार मुकाबला राजद के शंकर प्रसाद से हुआ, जिन्हें 66,906 वोट मिले। जीत का अंतर 13,539 वोट रहा।

2020 चुनाव (Paru Assembly Election 2020)

अशोक सिंह ने तीसरी बार जीत हासिल की। उन्होंने 77,392 वोट पाए, जबकि निर्दलीय शंकर प्रसाद को 62,694 वोट मिले। जीत का अंतर घटकर 14,698 वोट रह गया। कांग्रेस प्रत्याशी अनुनय कुमार सिंह को सिर्फ 13,861 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे।

खास बात: यानी, तीनों चुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी रहा, लेकिन जीत का अंतर लगातार घटता गया।

नोट: बीजेपी नेता अशोक कुमार सिंह साक्षर हैं। उन पर तीन आपराधिक केस हैं। उनकी कुल संपत्ति 2.44 करोड़ रुपए के आस-पास हैं और उन पर 18 लाख का लोन है।

जातीय समीकरण का असर

  • 1. पारू विधानसभा सीट (Paru Vidhan Sabha Seat) पर यादव, राजपूत, ब्राह्मण और दलित वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
  • 2. यादव और मुस्लिम वोट बैंक आमतौर पर RJD के साथ रहते हैं।
  • 3. राजपूत और सवर्ण वोटरों का झुकाव BJP की ओर ज्यादा है।
  • 4. दलित और अति पिछड़ा वर्ग का वोट किसी भी पार्टी का समीकरण बिगाड़ सकता है।

खास बात: यही वजह है कि 2025 में जातीय गणित इस सीट पर बड़ा रोल निभाएगा।

2025 का समीकरण-क्या BJP चौथी बार जीतेगी?

भाजपा की ओर से फिर से अशोक कुमार सिंह को टिकट मिलने की संभावना है, क्योंकि वे तीन बार लगातार जीत चुके हैं और क्षेत्र में लोकप्रिय माने जाते हैं। वहीं राजद (RJD) शंकर प्रसाद या कोई नया चेहरा उतार सकती है। अगर महागठबंधन (RJD+JDU+Congress) एकजुट होकर चुनाव लड़ा तो बीजेपी की राह मुश्किल हो सकती है।

बड़ा सवाल

लगातार तीन बार जीत के बाद क्या बीजेपी 2025 में भी पारू विधानसभा सीट पर अपना दबदबा बनाए रख पाएगी? या फिर बदलते जातीय समीकरण और विपक्षी एकजुटता इस बार सियासी उलटफेर कर देगी? यही सस्पेंस इस चुनाव को और दिलचस्प बना रहा है।