परबत्ता विधानसभा चुनाव 2025 में मुकाबला कांटे का है। क्या जदयू लगातार तीसरी बार जीतकर इतिहास बनाएगी, या राजद पुरानी ताकत के साथ वापसी करेगी? हर वोट बनेगा रहस्य की कुंजी और नतीजे होंगे चौंकाने वाले।
Parbatta Assembly Election 2025: परबत्ता विधानसभा चुनाव 2025 (Parbatta Assembly Election 2025) बिहार की राजनीति में बेहद अहम मानी जाती है। खगड़िया जिले की इस सीट पर कभी राजद का दबदबा रहा, तो पिछले दो चुनावों में जदयू (JD(U)) ने अपना परचम लहराया। दिलचस्प बात यह है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी इसी सीट से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। सवाल अब यह है कि 2025 में जनता किसे मौका देगी—जदयू को या राजद को?
2010 का चुनाव: सम्राट चौधरी ने लिखी नई कहानी
2010 में सम्राट चौधरी (RJD) ने बेहद कड़े मुकाबले में रामानंद प्रसाद सिंह (JD(U)) को हराया।
- सम्राट चौधरी (RJD)- 60,428 वोट
- रामानंद प्रसाद सिंह (JD(U)-59,620 वोट
- जीत का अंतर: 808 वोट (सांसें थमा देने वाला मुकाबला)
2015 का चुनाव: जदयू का दबदबा
2015 में रामानंद प्रसाद सिंह (JD(U)) ने भाजपा प्रत्याशी को मात देकर सीट पर कब्जा जमाया।
- रामानंद प्रसाद सिंह (JD(U)- 76,248 वोट
- रामानुज चौधरी (BJP)- 47,324 वोट
- जीत का अंतर: 28,924 वोट (आरामदायक जीत)
2020 का चुनाव: करीबी जंग, जदयू की जीत
2020 में मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। डॉ. संजीव कुमार (JD(U)) ने दिगंबर प्रसाद तिवारी (RJD) को मात दी।
- डॉ. संजीव कुमार (JD(U)- 77,226 वोट
- दिगंबर प्रसाद तिवारी (RJD)-76,275 वोट
- जीत का अंतर: 951 वोट (बाल बराबर का फासला)
नोट: डा. संजीव कुमार जेडीयू से जुड़े हुए हैं। उन पर सात आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं। डॉक्ट्रेट की डिग्री रखने वाले संजीव कुमार की कुल चल-अचल संपत्ति 19.87 करोड़ हैं। उन पर 1.92 करोड़ रुपए का लोन है।
परबत्ता विधानसभा का इतिहास और समीकरण
- 1977 में निर्दलीय नईम अख्तर ने सबको चौंकाते हुए जीत दर्ज की थी।
- 1985 के बाद कांग्रेस का परचम यहां से गायब हो गया।
- 2000 और 2010 में सम्राट चौधरी (RJD) ने जीत दर्ज कर अपनी पहचान मजबूत की।
- 2015 और 2020 में जदयू ने लगातार दो बार जीत हासिल की।
खास बात: जातीय समीकरण में यादव, कुर्मी, भूमिहार और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यही समीकरण 2025 में भी नतीजे तय करेंगे।
2025 का रहस्य: सत्ता किसके पास जाएगी?
अब सबकी नजरें 2025 के चुनाव पर हैं। क्या जदयू (JD(U)) लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करेगी? या फिर राजद (RJD) अपनी खोई हुई जमीन वापस पाएगी? हर वोट इस बार सत्ता का नया समीकरण बना सकता है।
