सार
Mahakumbh Stampede: बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं। ताजा मामले में उन्होंने लोकसभा में महाकुंभ भगदड़ पर कंट्रोवर्सियल टिप्पणी की। जिस पर सत्ताधारी दल के सदस्य भड़क गए। इसके पहले राष्ट्रपति पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विपक्ष भी उनसे नाराज दिखा। आखिर क्या है पूरा मामला? आइए जानते हैं।
महाकुंभ भगदड़: पप्पू यादव के बयान से गरमाई सियासत
महाकुंभ में मची भगदड़ पर सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "मैं किसी बाबा का नाम नहीं लूंगा, लेकिन वे कहते हैं कि जो लोग मरे हैं, वे मोक्ष चले गए। अगर ऐसा ही है तो बाकी पैसे वाले लोग भी डुबकी लगाकर मर जाएं, ताकि उन्हें भी मोक्ष मिल जाए।" जैसे ही उन्होंने यह बयान दिया, सत्ता पक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।
300 से 600 लोगों की मौत का दावा
पप्पू यादव ने दावा किया कि महाकुंभ भगदड़ में सरकारी आंकड़ों से कई गुना ज्यादा लोग मरे हैं। उन्होंने लोकसभा में कहा, "जब नेहरू प्रधानमंत्री थे, तब कुंभ का बजट सिर्फ 487 करोड़ रुपये था। आज यह 10 हजार करोड़ तक पहुंच गया, लेकिन अब भी व्यवस्था बदहाल है।" उन्होंने आरोप लगाया कि मरने वालों की संख्या सरकार छुपा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार 300 से 600 लोग मरे हैं। पीठासीन अध्यक्ष ने उनसे सबूत मांगा और कहा, "आपके पास क्या आधार है? क्या आपने खुद गिनती की है?" सरकार की ओर से इस बयान का खंडन किया गया और कहा गया कि विपक्ष गलत जानकारी फैला रहा है।
महाकुंभ की अव्यवस्था पर उठाए सवाल
पप्पू यादव ने हादसे की जिम्मेदारी सरकार पर डालते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि तक नहीं दी।" उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा, "इतने हिंदू मारे गए, लेकिन सरकार ने संवेदना तक नहीं जताई।" उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि "सिर्फ पर्दा डाला जा रहा है, कोई जिम्मेदारी नहीं ली जा रही।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर की थी ये विवादित टिप्पणी
इसके पहले संसद के बजट सत्र (Budget Session 2025) की शुरुआत में भी पप्पू यादव राष्ट्रपति पर विवादित बयान दे चुके हैं। अभिभाषण पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था, "बेचारी का कोई दोष नहीं, वह तो सिर्फ लव लेटर पढ़ रही थीं।" उन्होंने राष्ट्रपति को "स्टाम्प" (मोहर) करार दिया। सत्ताधारी दल ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
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