सार

बिहार के गया में एक मां पर अपनी बेटी को देह व्यापार में धकेलने का आरोप लगा है। आठवीं कक्षा की छात्रा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी मां उसे जबरन देह व्यापार कराती थी और मना करने पर मारपीट करती थी।

भारत के कई इलाकों में सेक्स वर्क पारिवारिक पेशा है। ऐसे भी कई गांव है जहां परिवार ही लड़कियों को सेक्स वर्क में धकेल देते हैं। हालांकि, ऐसे मामले में अकसर महिलाएं शिकायत नहीं करती हैं। लेकिन बिहार से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक बेटी ने अपनी मां पर ही देह व्यापार में धकेलने के आरोप लगा दिए हैं। ये शर्मनाक मामला गया का है। बेटी ने आरोप लगाया है कि जब वह सेक्स वर्क के लिए मना करती थी तो उसकी मां उसे पीटती थी।

क्या है पूरा मामला?

अपने ही परिवार में धोखा खाने वाली आठवीं क्लास की ये लड़की अब सिस्टम से लड़ रही है। कानूनी मदद के लिए ये लड़की दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। ये मामला गया के बुनियादगंज थाना क्षेत्र का है। रिपोर्टोें के मुताबिक, जब भी लड़की देह व्यापार के लिए मना करती, उसकी मां उसे बुरी तरह पीटती थी। लड़की के लिए ये हालात पिता की मौत के बाद पैदा हुए। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, पिता की मौत के कुछ महीने बाद ही उसे जन्म देने वाली मां ने ही उसे सेक्स वर्क के लिए मजबूर कर दिया।

शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि मना करने पर उसे नशे का इंजेक्शन तक दिया जाता था। पीड़िता को दवा भी खिलाई जाती थी। पीड़िता जब इस जुल्म से आजिज आ गई तो उसने किसी तरह घर से भागकर गांव की महिलाओं को इस बारे में बताया। महिलाएं उसे लेकर बुनियादगंज थाने पहुंची लेकिन यहां कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब पीड़िता एक अधिवक्ता के जरिए अपने मामले को लेकर अदालत पहुंची है।

यह भी पढ़ें: सैफ अली खान चाकू कांड में फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने खोली पोल, मेडिक्लेम पर भी सवाल

आठवीं क्लास की छात्रा है पीड़िता

नाबालिग पीड़िता गांव के ही स्कूल में आठवीं क्लास में पढ़ती है। पिता की मौत के बाद मां ने उसे स्कूल भेजना बंद कर दिया और घर में ही उसे देह व्यापार करने के लिए मजबूर किया। पीडिता के अधिवक्ता रोशन कुमार पीड़िता की तरफ से इस मामले को देख रहे हैं। गया कोर्ट में अधिवक्ता रोशन कुमार के मुताबिक पीड़िता चौदह साल की है। पीड़िता का दावा है कि एक व्यक्ति के साथ उसकी मां के संबंध है और वो भी उस पर देह व्यापार करने का दबाव बनाता है। अपनी शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि लगातार दो महीने तक उसका यौन शोषण किया गया है।

अधिवक्ता के मुताबिक थाने में एफआईआर ना होने के बाद ही पीड़िता उनके पास पहुंची थी। अधिवक्ता ने बिहार के डीजीपी के अलावा गया के एसएसपी को भी पत्र लिख कर इस घटना के बारे में जानकारी दी है। अदालत के हस्तक्षेप पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला तो दर्ज कर लिया है लेकिन अधिवक्ता का कहना है कि इस संबंध में थाने में अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। भारत में नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण की रोकथाम के लिए सख्त प्रावधान हैं। भारतीय न्याय संहिता के अलावा पॉक्सो एक्ट है जिसकी धाराएं बेहद गंभीर हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर गया पुलिस की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।