झंझारपुर विधानसभा चुनाव 2025: बिहार की सइ सीट का मुकाबला दिलचस्प है। 2010 में JDU, 2015 में RJD और 2020 में BJP की जीत हुई। कभी 834 तो कभी 41,788 वोटों का अंतर! अब सवाल है—क्या नीतीश मिश्रा फिर जीतेंगे या जनता इस बार नया फैसला सुनाएगी? 

Jhanjharpur Assembly Election 2025: बिहार की राजनीति में झंझारपुर विधानसभा सीट हमेशा से दिलचस्प मुकाबलों के लिए जानी जाती रही है। यहां किसी एक पार्टी का स्थायी दबदबा नहीं दिखता। 2010 से 2020 तक तीनों बार अलग-अलग नतीजे सामने आए। कभी जेडीयू, कभी आरजेडी तो कभी बीजेपी ने यहां जीत का परचम लहराया। यही वजह है कि झंझारपुर विधानसभा चुनाव 2025 बेहद रहस्यमय और रोमांचक माना जा रहा है।

2020 का झंझारपुर चुनाव: नीतीश मिश्रा का रिकॉर्ड

2020 में बीजेपी उम्मीदवार नीतीश मिश्रा ने सीपीआई प्रत्याशी राम नारायण यादव को करारी हार दी। मिश्रा को 94,854 वोट मिले, जबकि यादव को 53,066 वोट ही मिल पाए। इस बार जीत का अंतर 41,788 वोटों का था, जो इस सीट पर अब तक का सबसे बड़ा अंतर है।

2015 का चुनाव: गुलाब यादव की मामूली जीत

2015 में मुकाबला बीजेपी और आरजेडी के बीच था। आरजेडी के गुलाब यादव ने 64,320 वोट पाकर जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी के नीतीश मिश्रा को 63,486 वोट मिले। इस बार हार-जीत का अंतर सिर्फ 834 वोट का रहा। यह नतीजा झंझारपुर की राजनीति में सबसे नजदीकी मुकाबले के तौर पर दर्ज है।

2010 का चुनाव: जेडीयू की पकड़

2010 में जेडीयू उम्मीदवार नीतीश मिश्रा ने आरजेडी के जगत नारायण सिंह को हराया। मिश्रा को 57,652 वोट, जबकि सिंह को 36,971 वोट मिले। इस बार जीत का अंतर 20,681 वोटों का रहा। उस समय जेडीयू की मजबूत पकड़ मानी जाती थी।

झंझारपुर विधानसभा 2025 का बड़ा सवाल

अब सबकी नजर 2025 पर है। क्या नीतीश मिश्रा लगातार दूसरी बार जीत दोहराएंगे? या फिर आरजेडी और सीपीआई उन्हें चुनौती देंगे? महागठबंधन किसे उतारेगा, यह भी समीकरण बदल सकता है। इस सीट का इतिहास बताता है कि झंझारपुर में आखिरी वक्त पर भी हवा बदल जाती है।