झाझा विधानसभा चुनाव 2025 में मुकाबला बेहद सस्पेंशफुल है। 2010 में JDU, 2015 में BJP और 2020 में फिर JDU ने बाजी मारी। कभी 22,000 तो कभी सिर्फ 1,679 वोट का अंतर! अब सवाल है-2025 में जनता किसे मौका देगी, जेडीयू, बीजेपी या आरजेडी? 

Jhajha Assembly Election 2025: बिहार के जमुई जिले की झाझा विधानसभा सीट राजनीति का अहम केंद्र मानी जाती है। यहां का इतिहास बताता है कि मतदाता हर चुनाव में अलग-अलग पार्टियों को मौका देकर बड़ा बदलाव करते आए हैं। कभी कांग्रेस, कभी जनता पार्टी, तो हाल के दशकों में जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। यही वजह है कि झाझा विधानसभा चुनाव 2025 बेहद दिलचस्प और सस्पेंशफुल माना जा रहा है।

2020 का झाझा चुनाव: कांटे की टक्कर

2020 में मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। जेडीयू के दामोदर रावत ने आरजेडी प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद यादव को सिर्फ 1,679 वोटों से हराया। रावत को कुल 76,972 वोट (39.5%), जबकि यादव को 75,293 वोट (38.7%) मिले। यह जीत बेहद मामूली अंतर से हुई और जेडीयू ने यहां वापसी दर्ज की।

2015 का चुनाव: बीजेपी की सेंध

2015 में झाझा की राजनीति ने करवट ली। बीजेपी के रवींद्र यादव ने जेडीयू उम्मीदवार दामोदर रावत को करारी हार दी। रवींद्र यादव ने 65,537 वोट हासिल किए, जबकि रावत को केवल 43,451 वोट मिले। इस बार जीत का अंतर 22,086 वोट था, जिसने झाझा में बीजेपी की मजबूत एंट्री दर्ज कराई।

2010 का चुनाव: जेडीयू की पकड़

2010 में जेडीयू उम्मीदवार दामोदर रावत ने आरजेडी के बिनोद यादव को मात दी। रावत को 48,080 वोट, जबकि बिनोद यादव को 37,876 वोट मिले। इस बार जीत का अंतर 10,204 वोट का था। इस जीत ने झाझा में जेडीयू की पकड़ मजबूत की थी।

झाझा विधानसभा 2025: बड़ा सवाल

अब 2025 के चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या जेडीयू के दामोदर रावत लगातार दूसरी बार जीत पाएंगे? या फिर बीजेपी और आरजेडी यहां नया खेल दिखाएंगे? झाझा का चुनाव हमेशा अप्रत्याशित नतीजों के लिए जाना जाता है, इसलिए इस बार भी आखिरी वक्त तक रोमांच बना रहेगा।