Bihar Politics News: चिराग पासवान के सामान्य सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की खबरों ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। शेखपुरा समेत कई सीटों पर उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिससे नए सियासी समीकरण बनने के आसार हैं।
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के चुनाव लड़ने की खबर ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। जमुई के सांसद और चिराग के समधी अरुण भारती ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए संकेत दिया कि चिराग किसी सामान्य सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इसके बाद राजधानी पटना और शेखपुरा में चिराग के स्वागत में पोस्टर लगाए गए, जिसमें उन्हें 'बिहार का भविष्य' बताया गया है।
कितने लगाया पोस्टर
शेखपुरा विधानसभा सीट से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है. दरअसल, पटना की सड़कों पर लगे पोस्टर में लिखा है- "मैं चिराग जी हूं, 169 शेखपुर विधानसभा आपका इंतजार कर रही है। चिराग बिहार की उम्मीद का नाम है। जब नेता पूरे बिहार का हो तो सीटों की संख्या सीमित क्यों? बिहार की आवाज सुनने और बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चिराग आपका धन्यवाद। अब आप बिहार का भविष्य बदलेंगे। अब आप पलायन रोक सकते हैं। आप रोजगार देंगे। आप स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे। बिहारियों को सिर्फ आपसे ही उम्मीद है। अब आइए और बिहार और बिहारियों की उम्मीदों का ख्याल रखिए।" आपको बता दें कि यह पोस्टर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के शेखपुरा जिला अध्यक्ष इमाम गजाली ने लगाया है।
अरुण भारती के किस पोस्ट ने मचाया बवाल?
दरअसल, अरुण भारती ने अपनी पोस्ट में लिखा, "जब नेता पूरे बिहार का होता है, तो सीट का दायरा सीमित क्यों होना चाहिए? कार्यकर्ताओं को भी लगता है कि इस बार चिराग जी को बिहार विधानसभा चुनाव आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि सामान्य सीट से लड़ना चाहिए - चिराग पासवान अब सिर्फ़ एक समुदाय की नहीं, बल्कि पूरे बिहार की उम्मीद हैं।" इस पोस्ट ने बिहार के राजनीतिक गलियारों में नई अटकलों को जन्म दे दिया है। पटना में लगाए गए पोस्टरों में लिखा है, "बिहार इंतज़ार कर रहा है, चिराग के स्वागत के लिए तैयार है।" इन पोस्टरों में चिराग को बिहार का भविष्य और युवा नेतृत्व का प्रतीक बताया गया है।
चिराग की रणनीति को एनडीए का समर्थन
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने चिराग के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, "हर किसी को अपने और अपनी पार्टी के लिए बेहतर फ़ैसला लेने का अधिकार है। चिराग पासवान अपनी पार्टी के लिए अच्छा कर रहे हैं। उन्हें अपनी मर्जी से जहां से भी चुनाव लड़ना है, वहां से लड़ने की आज़ादी है।" इस बयान से पता चलता है कि चिराग की रणनीति को एनडीए के भीतर समर्थन मिल रहा है, हालांकि सीट शेयरिंग अभी भी लंबित है।
क्या कई सीटों के लिए दबाव की राजनीति की जा रही है?
2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग की पार्टी ने पांच सीटें जीतीं, जिससे उनकी राजनीतिक ताकत मजबूत हुई है। अब उनकी पार्टी 40 विधानसभा सीटों पर दावा ठोक रही है, जिनमें से अधिकतर सीटें जेडीयू के कब्जे वाली हैं। विश्लेषकों का मानना है कि चिराग का सामान्य सीट से चुनाव लड़ना उनकी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वे दलित वोटों के साथ-साथ सभी वर्गों को जोड़ना चाहते हैं। "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" की उनकी सोच इस दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
चिराग ने अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की है? इन सीटों पर भी हो रही है चर्चा
हालांकि, चिराग ने अभी तक साफ तौर पर यह घोषणा नहीं की है कि वे शेखपुरा से ही चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, सूत्रों का यह भी कहना है कि चिराग हाजीपुर, दानापुर या पटना की किसी अन्य सामान्य सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। उनकी यह रणनीति न सिर्फ उनकी पार्टी की स्थिति मजबूत कर सकती है, बल्कि एनडीए के भीतर उनकी सौदेबाजी की ताकत भी बढ़ा सकती है। इस बीच, चिराग के इस फैसले ने विपक्षी महागठबंधन को भी सतर्क कर दिया है। आरजेडी और कांग्रेस उनकी बढ़ती लोकप्रियता को चुनौती मान रहे हैं। शेखपुरा में चिराग के स्वागत में लगे पोस्टर और कार्यकर्ताओं का उत्साह इस बात का संकेत है कि चिराग पासवान बिहार की राजनीति में नया अध्याय लिखने की तैयारी में हैं।