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Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में होगी झमाझम बरसात, दुर्गा पूजा की तैयारियों पर असर!
बिहार में मौसम ने करवट ले ली है। सितंबर का आखिरी हफ्ता शुष्क रहा लेकिन अक्टूबर की शुरुआत झमाझम बारिश के साथ होगी। मौसम विभाग ने 2 से 6 अक्टूबर तक भारी से अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। पटना समेत कई जिलों में मानसून लौट आया है।

अक्टूबर की शुरुआत होगी गीली, आधे बिहार को भीगाने आया मानसून
बिहार का मौसम करवट ले चुका है। सितंबर का आखिरी हफ्ता जहां गर्मी और उमस से परेशान रहा, वहीं अक्टूबर की शुरुआत बारिश के दौर के साथ होगी। बंगाल की खाड़ी से लौट रही पुरवैया हवाएं नमी लेकर आई हैं और मौसम विभाग ने भारी वर्षा का अलर्ट जारी कर दिया है।
पटना की धूप से लेकर पूर्णिया की उमस तक, अब मानसून देगा राहत
पटना की धूप में तपते चेहरे हों या सीवान-पूर्णिया की उमस से जूझते लोग, अब मौसम बदलने वाला है। मौसम विभाग का कहना है कि 29 सितंबर से ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो जाएगी और अक्टूबर के पहले हफ्ते में बिहार का आधा हिस्सा झमाझम बारिश से तर-बतर होगा।
आज से किन जिलों में शुरू होगी बारिश और कहां रहेगा अब भी सूखा
आज यानी 29 सितंबर से सीवान, पश्चिम चंपारण, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, पूर्णिया और किशनगंज जिलों में हल्की बारिश दर्ज की जाएगी। वहीं पटना, गया और सीतामढ़ी जैसे हिस्सों में फिलहाल सूखा मौसम रहेगा। 2 से 6 अक्टूबर तक कई जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है, जिसका असर दुर्गापूजा तैयारियों पर पड़ेगा।
मानसून की वापसी से पहले बंगाल की खाड़ी ने कैसे बढ़ा दी नमी
सितंबर के आखिरी दिनों तक बारिश लगभग गायब थी और फसलों पर संकट मंडरा रहा था। लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने नए सिस्टम ने निचले वायुमंडल को नमी से भर दिया है। यही कारण है कि मानसून विदाई से पहले एक बार फिर बिहार में झमाझम बारिश कराने लौट आया है।
पटना, गया से दरभंगा तक अगले एक हफ्ते में मौसम का बदलेगा हाल
पटना और आसपास के जिलों में रविवार तक बारिश नहीं होगी और तापमान 34 डिग्री तक जाएगा। 30 सितंबर के बाद यहां भी आसमान खुलकर बरसेगा। गया, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे हिस्सों में फरवरी जैसे शुष्क दिन खत्म होकर अक्टूबर की शुरुआत झमाझम बारिश से होगी।
धान और फसल बचाने किसानों के लिए राहत लेकर आई बारिश की खबर
सितंबर तक औसतन 30 प्रतिशत कम बारिश ने धान की फसल को प्यासा छोड़ दिया। अब मौसम विभाग का पूर्वानुमान किसानों के लिए उम्मीद जगाता है। अक्टूबर की बारिश देर से बोई गई धान और अन्य फसलों को नया जीवन देने में मदद करेगी।
भारी बारिश और वज्रपात से जुड़े खतरों को भूलना पड़ सकता है भारी
मौसम विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि भारी बारिश और वज्रपात को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर निचले इलाके के लोग सुरक्षित ऊंचाई पर जाएं। बिजली गिरने की स्थिति में पेड़, तालाब, बिजली के खंभे और खुले मैदान से दूरी बनाए रखना जरूरी है।
अक्टूबर का पहला हफ्ता तरबतर, अब घर से निकलने से पहले छाता जरूरी
बिहार का मौसम अब पूरी तरह बदल चुका है। सितंबर की उमस और पसीने भरी दिक्कतें खत्म हो रही हैं और बारिश की ठंडी फुहारों ने दस्तक दे दी है। अक्टूबर का पहला हफ्ता बिना छाते और रेनकोट बाहर निकलना मुश्किल बना देगा।