सार

जलगांव हादसे के बाद पुराने रेल हादसों की यादें ताज़ा। 43 साल पहले हुआ था ऐसा रेल हादसा की एक ही झटके में चली गई थी 800 लोगों की जान।

भारत में एक नहीं बल्कि कई सारे रेल हादसे हो चुके हैं। हाल ही में एक रेल हादसा महाराष्ट्र के जलगांव के परांडा स्टेशन के पास बुधवार के दिन हुआ है। आग लगने की वजह से लोग चलती ट्रेन से ही कूदने लगे। इस हादसे ने हर किसी को हैरानी में डाल दिया है। देश का सबसे बड़ा रेल हादसा आज से 43 साल पहले बिहार में हुआ था, जिसमें 800 लोगों की जान गई थी। उस हादसे को भूलापन लोगों के लिए काफी मुश्किल हो गया था। इस हादसे ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को झकझोंर रख दिया था।

6 जून 1981 को जब ये हादसा हुआ था उस वक्त शाम को बारिश का मौसम हो रखा था। 9 बोगियों वाली पैसेंजर ट्रेन यात्रियों से बुरी तरह से भरी हुई थी। गाड़ी नंबर 416डीएन मानसी से सहरसा की तरफ जा रही थी। इन दोनों रूट पर चलने वाली ये एकमात्र ट्रेन थी, जिसके चलते ट्रेन में काफी संख्या में यात्री मौजूद थे। जिन लोगों को ट्रेन में बैठने की जगह नहीं मिली तो वो ट्रेन के दरवाजों या फिर खिड़कियों पर लटकर सफर करते हुए दिखाई दिए। यहां तक की ट्रेन की छत पर भी यात्री बैठे हुए थे।

ये भी पढ़ें-

पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह से कूदे लोग, दूसरे ट्रेन ने कुचला 12 की मौत

ट्रेन हादसे ने ली एक ही झटके में 800 लोगों की जान!

जिस वक्त ट्रेन बदला घाट और धमारा घाट स्टेशन से होकर गुजर रही थी उस वक्त एक बड़ा हादसा हो गया। ट्रेन की 9 से 7 डिब्बे उफनती नदी में जा गिरे थे। जबरदस्त तरीके से चीख पुकार मचाना शुरू हो गई थी। लोग अपनी जान बचाने के लिए चिल्लाने लगे। इस हादेस में लोगों को तुरंत ही राहत नहीं दी गई। इस हादसे में करीब 800 लोगों की जान गई थी। लेकिन सरकारी आंकडों के मुताबिक इस हादसे में 300 लोगों की जान गई है। हादसा इतना ज्यादा भयानक था कि कई लोगों के शव भी बरामद नहीं हुए थे। कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन तक चलाया गया था।

ये भी पढ़ें-

कब, क्यों कैसे हुआ पुष्पक एक्सप्रेस हादसा, जानें सभी बड़े सवालों के जवाब