सार

Bihar Politics: पटना में होने वाले वंशी चाचा शहादत समारोह और कानू-हलवाई अधिकार रैली से पहले मंत्री केदार गुप्ता का बयान बना चर्चा का विषय—राजपूतों की एकता का उदाहरण देते हुए ऐसा बयान दे गए कि...

Bihar Politics: जैसे-जैसे बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राज्य की सियासत में सामाजिक और जातीय समीकरणों की गूंज तेज़ होती जा रही है। राजनीतिक दलों द्वारा जाति-आधारित सम्मेलनों और रैलियों का दौर शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और नीतीश सरकार में पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता कानू-हलवाई समाज को एकजुट करने के लिए एक्टिव हो गए हैं।

वंशी चाचा शहादत समारोह और कानू-हलवाई अधिकार रैली की तैयारी में दिया ये बयान

पटना के ऐतिहासिक मिलर स्कूल मैदान में 13 अप्रैल को आयोजित होने जा रहे वंशी चाचा शहादत समारोह और कानू-हलवाई अधिकार रैली की तैयारियां चल रही हैं। मंत्री केदार गुप्ता खुद बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर समाज को रैली में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं। जानकारों के अनुसार, इसके पीछे आगामी चुनाव में भाजपा के लिए एक मज़बूत जनाधार तैयार करने की रणनीति है।

वैशाली में जोश में मंत्री केदार गुप्ता के निकल गए ऐसे बोल

वैशाली जिले में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री केदार गुप्ता जोश में ऐसी बात बोल बैठे, जो नीतीश सरकार की कानून-व्यवस्था के दावों पर सवाल खड़े करती है। कानू-हलवाई समाज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “कानू-हलवाई को कोई आंख दिखा सकता है, लेकिन राजपूत भाई को आंख दिखा दे, ऐसा कोई नहीं कर सकता। वो समाज मज़बूत है, कुर्बानी दी है। एक दिन के लिए कहिएगा पटना चलना है तो दुकान बंद हो जाएगा। महीनों की कमाई एक दिन में लूटकर ले जाएगा कोई क्रिमिनल, वो आपको मंजूर है।”

वंशी चाचा कौन थे? जो आज भी समाज की स्मृतियों में हैं जीवित

कानू-हलवाई समाज के प्रतीक बन चुके वंशी चाचा का योगदान आज भी समाज की स्मृतियों में जीवित है। वर्ष 1997 में बागमती नदी पर पुल निर्माण की मांग को लेकर उन्होंने 20 नवंबर को आत्मदाह कर लिया था। उस समय उनकी उम्र 76 वर्ष थी। सरकार को अल्टीमेटम देने के बावजूद जब कोई कदम नहीं उठाया गया, तब उन्होंने यह कठोर निर्णय लिया। उनकी कुर्बानी को याद करते हुए हर साल शहादत दिवस मनाया जाता है। लेकिन इस साल चुनावी रणनीति के तहत इस आयोजन को नवंबर से अप्रैल में लाया गया है।