Bihar Chunav 2025: तेजस्वी यादव के 'दामाद आयोग' वाले बयान पर जीतन राम मांझी ने पलटवार किया, जिसपर रोहिणी आचार्य ने भी तीखा जवाब दिया। सोशल मीडिया पर दोनों ओर से जुबानी जंग जारी है, देखना होगा इसका असर 2025 के चुनाव पर क्या पड़ता है।

Bihar Politic News: विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का 'दामाद आयोग' को लेकर दिए बयान के बाद केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया के जरिए पलटवार किया। इसके जवाब में लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने भी कड़ा जवाब दिया, जिससे यह राजनीतिक बहस और तेज हो गई है।

मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर हमला बोलते हुए कुछ आयोगों में "सत्तारूढ़ नेताओं के दामादों" की कथित नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने इसे "दामाद आयोग" करार देते हुए कहा कि सरकार अपने लोगों को फायदा पहुंचा रही है, जबकि योग्य उम्मीदवारों को छोड़ दिया जा रहा है। तेजस्वी के इस आरोप के बाद केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर करारा जवाब दिया।

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'नालायक बेटा 10वीं भी पास नहीं कर पाता'

उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर एक लंबी पोस्ट में लिखा, 'बेटे और दामाद दो तरह के होते हैं... एक काबिल और दूसरा नालायक। काबिल बेटा अपने दम पर नौकरी पा लेता है, यूजीसी-नेट पास कर लेता है, बीपीएससी से चयनित हो जाता है। नालायक बेटा 10वीं भी पास नहीं कर पाता और जब क्रिकेट में फेल हो जाता है तो उसका पिता उसे राजनीति में धकेल देता है। काबिल दामाद समाज का पहला इंजीनियर होता है, चुनाव लड़ता है, समाज सेवा करता है। नालायक दामाद इंजीनियर होते हुए भी घर-जमाई का पर्स लेकर चलता है।' इस बयान का साफ इशारा तेजस्वी यादव और उनके परिवार की ओर था, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा भी हुई।

'रोहिणी आचार्य ने दिया करारा जवाब'

साथ ही मांझी के तंज का जवाब देने में देर नहीं लगाई। रोहिणी आचार्य ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से जवाब में लिखा, "एक नालायक बेटा होटल में मौज-मस्ती करते पकड़ा जाता है, लेकिन बेटे से भी ज्यादा नालायक पिता अपने पद का रौब दिखाकर उसे बचा लेता है। एक बार नालायक दामाद अपने ससुर का पीए बन जाता है और अधिकारियों को फोन कर पैसे की वसूली करवा लेता है।" इस ट्वीट के बाद यह बहस और गहरी होती जा रही है। सोशल मीडिया पर समर्थकों के बीच तीखी टिप्पणियां और प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं।

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बिहार की राजनीति में आया भूचाल

यह जुबानी जंग ही वह राजनीति है जो 2025 के विधानसभा चुनाव की भूमिका तय करेगी। एक तरफ एनडीए गठबंधन अपनी शासन उपलब्धियों को जनता के बीच ले जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजद परिवारवाद के आरोपों का आक्रामक तरीके से जवाब दे रहा है। यह जुबानी हमला जनता के बीच भावनात्मक ध्रुवीकरण को जन्म दे सकता है, जिसका सीधा असर आने वाले चुनाव में देखने को मिलेगा।