Bihar Election: 2025 बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज! महागठबंधन और NDA आमने-सामने, नेताओं का दलबदल जारी। चुनाव की तारीखों का इंतज़ार।
Bihar Election 2025: 5 साल बाद बिहार में एक बार फिर चुनावी बिगुल बजने वाला है. एक तरफ महागठबंधन तैयार है तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए ने फिर से सत्ता पाने के लिए किलेबंदी शुरू कर दी है। दोनों खेमों में नेताओं का दलबदल भी देखने को मिल रहा है। आरजेडी ने एनडीए के कुछ नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है तो जेडीयू-बीजेपी ने भी आरजेडी से पाला बदलने वाले नेताओं को अपना समर्थन दे दिया है। अब सवाल ये है कि चुनाव कब होंगे?
बिहार में कब होंगे चुनाव?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए सबसे पहले आपको ये जानना होगा कि एनडीए की नीतीश सरकार का कार्यकाल कब तक है। बिहार की मौजूदा नीतीश सरकार का कार्यकाल 23 नवंबर 2020 से शुरू हुआ था। नीतीश सरकार का कार्यकाल इस साल 22 नवंबर यानी 2025 तक है। जाहिर है उससे पहले ही चुनाव हो जाएंगे। माना जा रहा है कि सितंबर और अक्टूबर के बीच आचार संहिता लग जाएगी। ये भी माना जा रहा है कि अक्टूबर से नवंबर के पहले हफ्ते के बीच मतदान और मतगणना पूरी हो सकती है।
बिहार चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कसना शुरू कर दी है। वहीं बात करें आरजेडी की तो, उन्होंने बिहार विधानसभ चुनाव को लेकर अभी से रणनीति तैयार कर ली। जिसे लेकर वो मैदान में उतर चुके हैं। अब देखना है कि इस चुनाव में वो जनता से किन चीजों को लेकर वादे करने वाले हैं। उससे पहले जानत हैं बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान आरजेडी ने क्या वादे किए थे।
आरजेडी के घोषणापत्र में क्या है खास?
- 10 लाख युवाओं को नए स्थायी पदों पर नौकरी मिलेगी
- कृषि आयोग, व्यवसायी आयोग, युवा आयोग और खेल आयोग का गठन
- सभी कर्मचारियों को स्थायी करना और समान काम के लिए समान वेतन देना
- किसानों की कर्जमाफी, गांवों को सीसीटीवी की सौगात
- रोजगार के लिए नई औद्योगिक नीति में नए उद्योगों की स्थापना
- नियोजित शिक्षकों को वेतनमान और कार्यपालक सहायक, पुस्तकालयाध्यक्ष और उर्दू शिक्षकों की भर्ती
- मूलनिवासी युवाओं के लिए सरकारी भर्ती परीक्षाओं के लिए निशुल्क फॉर्म
- कार्यालय सहायक, पुस्तकालयाध्यक्ष, उर्दू शिक्षक, सेविका और सहायिका, आशा कार्यकर्ता, ग्रामीण चिकित्सक, जीविका दीदियों की मांगों पर पहल
- स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निजी और असंगठित क्षेत्रों में लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर
- जीविका संवर्गों को नियमित वेतनमान पर स्थायी नौकरी और ब्याज मुक्त ऋण
- आंगनबाड़ी और आशा दीदियों का मानदेय दोगुना किया गया
- कॉरपोरेट जगत की मदद से कौशल विकास केंद्रों की स्थापना
रोजगार केंद्रों की स्थापना कर अधिकतम 200 दिनों में रोजगार हर जिले में रोजगार प्रक्रिया में गैर-सरकारी भागीदारी बिचौलियों और एजेंसियों पर प्रतिबंध श्रमिकों के हित में सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में लेने से रोकना डिलीवरी सहायता 1400 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये की गई