Bihar voter list update: बिहार में 21 साल बाद घर-घर जाकर वोटर वेरिफिकेशन होगा। फर्जी वोटर्स की पहचान कर उन्हें लिस्ट से हटाया जाएगा, जिससे चुनाव पारदर्शी हो सकें।
Bihar assembly election 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस बार केवल वोट डालने वालों की नहीं, बल्कि वोटर लिस्ट की सच्चाई भी परखी जाएगी। 21 साल बाद फिर से राज्य में डोर-टू-डोर वोटर वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया जा रहा है, जिससे हर फर्जी नाम हटाया जाए और सिर्फ असली और पात्र मतदाता ही वोटर लिस्ट में बने रहें।
2004 के बाद पहली बार फिर घर-घर जाकर होगा सत्यापन
चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि जुलाई से पूरे बिहार में एक डोर-टू-डोर सर्वे अभियान शुरू किया जाएगा। इससे पहले ऐसा सर्वे साल 2004 में हुआ था। अब दो दशक बाद यह प्रक्रिया दोबारा शुरू हो रही है। इस बार फोकस है: वोटर लिस्ट से बाहर गए लोगों को हटाना, और बिहार में रह रहे असली मतदाताओं को जोड़ना।
आयोग के अनुसार जिन नागरिकों ने अब बिहार छोड़कर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे राज्यों में वोटर कार्ड बनवा लिया है, उनके नाम बिहार की वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे। यह कदम चुनाव में डुप्लीकेट वोटिंग और गड़बड़ी की संभावनाओं को समाप्त करने के लिए उठाया गया है।
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राजनीतिक विवादों को खत्म करने की कोशिश
वोटर लिस्ट को लेकर हर चुनाव में विपक्ष सवाल खड़ा करता है, खासकर अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में। ऐसे में आयोग की यह कवायद बिहार में एक साफ और निष्पक्ष वोटर लिस्ट तैयार करने की दिशा में एक ठोस प्रयोग है। आयोग का मानना है कि इससे राजनीतिक दलों के संदेह भी दूर होंगे।
BLO करेंगे घर-घर सर्वे, ग़लत जानकारी वाले हटेंगे
इस प्रक्रिया में बीएलओ (Booth Level Officer) हर घर जाकर लोगों की उपस्थिति जांचेंगे। जो मतदाता वहां नहीं मिलेंगे या वोटर कार्ड में गलत जानकारी पाए जाएंगे, उनका नाम लिस्ट से हटाया जाएगा या उसमें सुधार किया जाएगा। आयोग ने सभी अधिकारियों को पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से काम करने का निर्देश दिया है।
सूत्रों की मानें तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य अधिकारी 10 जुलाई से पहले बिहार दौरे पर आ सकते हैं। यह दौरा सर्वे की तैयारियों की समीक्षा और राज्य के अधिकारियों के साथ समन्वय के लिए किया जाएगा। आयोग चाहता है कि यह प्रक्रिया सिर्फ औपचारिकता न बनकर एक परिणाम देने वाला अभियान साबित हो।
3.15 करोड़ वोटरों ने कराया बदलाव, आंकड़े चौंकाने वाले
पिछले एक साल में करीब 3.15 करोड़ वोटरों ने अपने वोटर कार्ड में बदलाव के लिए आवेदन किया है। इसमें से 46.26 लाख लोगों ने नया पता अपडेट कराया, जबकि 2.32 करोड़ कार्डों में त्रुटियाँ पाई गईं। यह आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है।
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