Bihar Chunav: चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान आरा की रैली में किया। किस सीट से लड़ेंगे, ये जनता पर छोड़ा। शाहाबाद क्षेत्र, जहां NDA पिछले चुनावों में कमज़ोर रहा है, वहीं चिराग ने चुनावी शंखनाद किया।

Chirag Paswan: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पिछले दिनों बिहार के आरा में आयोजित 'नव-संकल्प महासभा' को संबोधित किया था। लोजपा की ओर से आयोजित इस रैली में चिराग ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की जनता तय करेगी कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने के लिए जिस इलाके को चुना है, वह एनडीए के लिए दुखती नस है। बताएं आपको कि बिहार का शाहाबाद ऐसा इलाका है, जहां पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की अगुआई वाली पार्टी जीत नहीं पाई है। हलांकि इस दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा। जहां कार्यक्रम के दौरान लड़कियां डांस कर रही और चिराग पासवान सामने बैठे थे।

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क्या कहा चिराग पासवान ने

रैली को संबोधित करते हुए चिराग ने कहा, "मैं बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ूंगा। मैं बिहार और उसके लोगों के लिए चुनाव लड़ूंगा। मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं। मैं अपने पिता के सपनों को पूरा करूंगा और राज्य को बदलने के उद्देश्य से 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के लिए काम करूंगा।" चिराग ने कहा, "यह बिहार के लोगों को तय करना है कि मुझे राज्य की किस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। मैं जब भी कोई राजनीतिक फैसला लेता हूं तो राज्य और यहां के लोगों के हित में लेता हूं।"

क्या हुआ था पिछले चुनाव में

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में पासवान की बगावत के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को कम से कम 45 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। नतीजा यह हुआ कि 2015 में 71 सीटें जीतने वाली जेडीयू 2020 में घटकर 43 सीटों पर आ गई। उसका वोट बैंक भी कम हुआ। 2020 के चुनाव तक लोजपा में कोई बिखराव नहीं हुआ। उस चुनाव में लोजपा के कारण शाहाबाद क्षेत्र में जेडीयू को 11 सीटों का नुकसान हुआ। नतीजा यह हुआ कि शाहबाद में जेडीयू कोई भी सीट नहीं जीत सकी। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के महागठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था और आरा, बक्सर, सासाराम और काराकाट में जीत हासिल की थी लोकसभा चुनाव में लोजपा (रा.वि.) ने शाहबाद इलाके में चुनाव लड़ा था।

'इस इलाके का इस्तेमाल एनडीए पर दबाव बनाने के लिए किया'

कुछ राजनीतिक टिप्पणीकारों का कहना है कि चिराग पासवान ने इस इलाके का इस्तेमाल एनडीए पर दबाव बनाने के लिए किया, क्योंकि 2020 के चुनाव में उन्होंने इसी इलाके में जदयू को काफी नुकसान पहुंचाया था। 243 सीटों से चुनाव लड़ने की उनकी घोषणा को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है। दरअसल, बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से भाजपा और जदयू की नजर 100-100 सीटों पर है। बाकी 43 सीटों को बाकी सहयोगी दलों में बांटने की योजना है। इन दलों में चिराग पासवान की लोजपा (रा.वि.), उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए चिराग पासवान ऐसी बातें कह रहे हैं। पासवान की पार्टी लंबे समय से चुनाव लड़ने के लिए हर जिले में एक सीट की मांग कर रही है। यानी लोजपा (रा.वि.) कुल 38 सीटों की मांग कर रही है। ऐसे में चिराग पासवान का यह बयान और रणनीति सीटों के बंटवारे में परेशानी खड़ी कर सकती है आने वाले दिनों में.