Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद सीट बंटवारे पर 'संतुष्टि' की नीति अपना रहे हैं। घटक दलों के बीच टकराव की संभावना कम, सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ने को तैयार।
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारत गठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस और राजद 'संतुष्टि' की नीति के साथ सीटों पर सहमत होते दिख रहे हैं। इससे सीट बंटवारे को लेकर घटक दलों के बीच टकराव की संभावना कम हो गई है और सभी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ने और जीतने की बात कर रहे हैं।
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। भारत गठबंधन में पहले से ही कांग्रेस, राजद, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) और वीआईपी जैसी पार्टियां शामिल हैं। खबर है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोसपा भी गठबंधन का हिस्सा बन सकती है। 2020 के पिछले चुनाव में बिहार की कुल 243 सीटों में से राजद ने 144 और कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इस बार भी दोनों दल लगभग बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन घटक दलों की संख्या बढ़ने के कारण अब ऐसा संभव नहीं लग रहा है। वजह यह है कि इन सभी दलों को संतुष्ट करना भी इन प्रमुख दलों की जिम्मेदारी है। सीटें कम करने पर सहमति से अन्य दल संतुष्ट
सीटें घटाने पर बनी सहमती
इसी कारण कांग्रेस और राजद अपने हिस्से से कुछ सीटें कम करने पर सहमत हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार दोनों दलों में सहमति बन गई है कि पिछले चुनाव की तुलना में इस बार कम उम्मीदवार उतारेगी पार्टी। बताया जा रहा है कि राजद इस बार 130-135 सीटों पर अपने उम्मीदवार को मैदान में उतार सकता है, जबकि कांग्रेस 55-60 सीटों पर अपने उम्मीदवार को टिकट देगी। इससे अन्य घटक दलों में भी संतुष्टि बनी रहेगी।
इस बार चुनाव परिणाम बेहतर होगा
इस बारे में कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि भारत गठबंधन की कुछ गोपनीय रणनीति है, जिस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं हो सकता है। यह जरूर कहा कि सभी घटक दल उत्साहित हैं और सीटों के बंटवारे को लेकर कोई गतिरोध नहीं है। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार चुनाव परिणाम बेहतर होगा।
वहीं, राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. नवल किशोर ने कहा कि भारत गठबंधन में सीटों को लेकर न तो पहले कोई विवाद था और न ही अब। उन्होंने बताया कि सभी निर्णय आम सहमति से लिए जा रहे हैं। फिलहाल गठबंधन का मुख्य फोकस अधिक से अधिक सीटें जीतने पर है और इसके लिए मजबूत संयुक्त अभियान की रणनीति तैयार की जा रही है।