Bihar Assembly Election 2025: बिहार सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के मानदेय में तीन गुना बढ़ोतरी की घोषणा की है। अब आशा को ₹3000 मासिक और ममता को ₹600 प्रति प्रसव मिलेगा। इससे 90,000 से अधिक कार्यकर्ताओं को लाभ होगा।

Bihar Asha Worker Salary Hike: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी हजारों महिलाओं के लिए बड़ा फैसला लिया है। आशा कार्यकर्ताओं का मासिक मानदेय अब ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 कर दिया गया है। वहीं ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव मिलने वाली प्रोत्साहन राशि ₹300 से बढ़ाकर ₹600 कर दी गई है। इस कदम से करीब 90,000 महिलाओं को सीधा लाभ होगा।

क्यों लिया गया ये फैसला और इससे किसे मिलेगा फायदा?

आशा और ममता कार्यकर्ता गांवों और शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाती हैं। मातृ स्वास्थ्य, शिशु देखभाल, टीकाकरण से लेकर परिवार नियोजन तक - ये महिलाएं सबसे आगे रहती हैं। लंबे समय से वे अपने मेहनत के उचित मुआवजे की मांग कर रही थीं। इस बढ़ोतरी से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी सुधरेगी।

राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि ने इसे "मेहनत का सम्मान" बताते हुए सरकार को धन्यवाद दिया है।

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क्या चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं को साधने की कोशिश है?

2023 में जब आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था, तब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मानदेय बढ़ाने का आश्वासन दिया था। अब उसे और बढ़ाकर ₹3,000 करना यह संकेत देता है कि सरकार जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की मांग की है। इससे पहले भी तेजस्वी यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर इस दिशा में ध्यान देने को कहा था।

क्या है नई भर्ती की योजना और इससे क्या बदल सकता है?

सरकार ने घोषणा की है कि 2025 में 27,375 नई आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती की जाएगी — जिनमें से 21,009 पद ग्रामीण क्षेत्रों में और 5,316 शहरी क्षेत्रों में भरे जाएंगे। अगले तीन महीनों में यह प्रक्रिया पूरी होनी है। इससे राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को नई ऊर्जा मिलेगी और हजारों महिलाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।

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