अमनौर, सारण की एक संवेदनशील विधानसभा सीट है, जहाँ भाजपा और राजद में सीधी टक्कर होती है। 2025 चुनाव में भाजपा के कृष्ण कुमार मंटू ने 75525 वोट पाकर राजद के सुनील कुमार को 3808 वोटों से हराया। 2020 में भी मंटू 3,681 वोटों से जीते थे।

Amnour Assembly Elections 2025: अमनौर विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण कुमार मंटू जीत गए हैं। उन्हें 75525 वोट मिले। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के सुनील कुमार को 3808 वोट से हराया।अमनौर विधानसभा सीट बिहार की सबसे दिलचस्प और संवेदनशील सीटों में से एक मानी जाती है। सारण जिले में स्थित यह सीट हर चुनाव में चर्चा में रहती है क्योंकि यहां जातीय समीकरण,स्थानीय मुद्दे और राजनीतिक गठबंधन मिलकर नतीजे तय करते हैं। 

2020 का चुनाव: भाजपा ने बचाई सीट,राजद को मात

  • 1. भाजपा उम्मीदवार कृष्णा कुमार मंटू ने 63,316 वोट पाकर जीत दर्ज की।
  • 2. राजद के सुनील कुमार को 59,635 वोट मिले।
  • 3. जीत का अंतर सिर्फ 3,681 वोट रहा।
  • 4. यह नतीजा दिखाता है कि एनडीए की एकजुटता ने भाजपा को बड़ी राहत दी।

नोट: कृष्ण कुमार मंटू 10 वीं पास हैं। उन पर नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके पास करीब 7 करोड़, 25 लाख रुपए की संपत्ति है। उनके ऊपर करीब आठ लाख रुपए की देनदारी है।

2015: भाजपा की पहली ऐतिहासिक जीत

  • 1. शत्रुघ्न तिवारी (भाजपा) ने 39,134 वोट पाकर जीत हासिल की।
  • 2. जदयू प्रत्याशी कृष्णा कुमार मंटू को 33,883 वोट मिले।
  • 3. भाजपा ने पहली बार यह सीट अपने नाम की थी।
  • 4. उस समय जदयू महागठबंधन के साथ थी और एनडीए टूटा हुआ था।

2010: जदयू की पहली जीत

  • 1. कृष्णा कुमार मंटू (जदयू) ने 29,508 वोट पाकर जीत दर्ज की।
  • 2. निर्दलीय सुनील कुमार को 18,991 वोट मिले।
  • 3. जीत का अंतर 10,517 वोट रहा।
  • 4. यह जीत नीतीश कुमार की लोकप्रियता और सुशासन के नारे की देन मानी गई।

अमनौर विधानसभा का जातीय समीकरण

  •  ब्राह्मण और भूमिहार: निर्णायक सवर्ण वोट बैंक
  •  यादव और कुशवाहा: राजद का मजबूत आधार
  • मुस्लिम और दलित समुदाय: महागठबंधन को बढ़त दिलाने वाले
  • कुल मतदाता: 3.5 लाख से अधिक
  • वोटिंग प्रतिशत: 55-60%

यहां हर चुनाव भाजपा और राजद के बीच सीधी टक्कर में बदल जाता है।