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कौन है भारत की अल्ट्रा रनर सोफिया सूफी, जो बनाने वाली है पांचवा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
स्पोर्ट्स डेस्क: गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में चार बार अपना नाम दर्ज करा चुकी भारतीय अल्ट्रा रनर सोफिया सूफी अब नए मिशन पर हैं और 5 वां गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की राह पर है। वह मनाली से लेह तक 100 घंटे से कम समय में दौड़कर रिकॉर्ड बनाना चाहती हैं…
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कहते हैं ना अगर इरादे नेक हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती है। यह कहावत भारतीय अल्ट्रा रनर सोफिया सूफी खान पर एकदम सटीक बैठती है, जो एक दो बार नहीं बल्कि चार बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं।
अब भारत की अल्ट्रा रनर सोफिया सूफी मनाली से लेह तक का सफर 100 घंटे से कम समय में पूरा करना चाहती है। इससे पहले 2021 में उन्होंने इसे 156 घंटों में पूरा किया था। अब वह अपने इसी रिकॉर्ड को खुद तोड़ना चाहती हैं।
फिलहाल सोफिया मनाली शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर माजच नामक गांव में ट्रेनिंग ले रही है। जुलाई के पहले सप्ताह में वह अपनी इस यात्रा की शुरुआत करेंगी। वह लगभग हर दिन 10 किलोमीटर दौड़ती है और 1 दिन में लगभग 30 से 40 किलोमीटर तक पैदल चल सकती हैं। हालांकि, पहाड़ों में दौड़ना और चलना बहुत मुश्किल होता है।
इससे पहले इसी साल 12 से 13 जनवरी तक सोफिया ने 34 घंटे से भी कम समय में कतर का एक पूरा चक्कर लगाया था और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में चौथा रिकॉर्ड दर्ज किया था।
बता दें कि सोफिया ने 2019 में 87 दिनों में 4000 किलोमीटर ट्रांस इंडिया रनिंग चैलेंज को पूरा करके सुर्खियां बटोरी थी। इसके चलते वह देश भर में अपनी अल्ट्रा-डिस्टेंस रनिंग चुनौतियों के लिए जानी जाती हैं।
सोफिया ने मनाली, लेह, हिमालयन अल्ट्रा रन चैलेंज पूरा करते हुए 110 दिन में भारत के सबसे लंबे चतुर्भुज राजमार्ग पर 6000 किलोमीटर की दूरी तय की थी, जिसके चलते उन्होंने सबसे तेज धावक होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
बता दें कि जब सूफिया 35 साल की थी तब उन्होंने दौड़ना शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने अपनी 5 साल पुरानी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी थी। सबसे पहले उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर दौड़ते हुए पूरा किया था।
उन्होंने 7 दिनों तक सियाचिन से कारगिल तक भी दौड़ लगाई थी, जो 17 जुलाई 2022 से 23 जुलाई 2022 तक चली थी। अपने इस अभियान को उन्होंने भारतीय सेना के उन वीर जवानों को समर्पित किया था जिन्होंने पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए अभूतपूर्व योगदान दिया था।
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