Khel Ratna Award 2025: ओलंपिक में 2 बार मेडल अपने नाम करने वाली 22 वर्षीय शूटर मनु भाकर और वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में जीत दर्ज करने वाले डी मुकेश को शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा खेल रत्न से सम्मानित किया गया है। विश्व में अपने दमदार प्रदर्शन से भारत का तिरंगा लहराने वाले दोनों खिलाड़ियों को खेल के सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इन दोनों के अलावा भारत के दो अन्य खिलाड़ियों में शामिल मेंस हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट प्रवीण कुमार थे। प्रवीण ने हाई जंप में स्वर्ण पदक जीतकर दिखाया था। खेल रत्न के लिए खिलाड़ियों को अंक प्रणाली द्वारा तय किया जाता है। इस सूची में वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक में किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को आगे रखा जाता है।
खेल रत्न प्राप्त करने वाले सभी चार खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर एक नजर डालें, तो शूटर मनु भाकर ने पिछले साल अगस्त में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया था। वहीं, मेंस हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत ने टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कान से पदक जीतने वाली टीम का मुख्य हिस्सा थे। डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में जीत हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने। उसके बाद प्रवीण कुमार ने हाई जंप में पिछले साल पेरिस में जापानी राजधानी में अपने मेडल को गोल्ड में तब्दील किया था। इस खिलाड़ी का लेफ्ट पैर जन्म से ही छोटा था।
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित होंगे ये सभी खिलाड़ी
अर्जुन पुरस्कार के लिए भी कई भारतीय खिलाड़ियों का नाम शामिल किया गया है। इस सूची में पेरिस ओलंपिक में कौन से पदक जीतने वाले पहलवान अमन सेहरावत, पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी जरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, संजय और अभिषेक, निशानेबाज स्वप्निल कुसाले और सरबजोत सिंह का नाम दर्ज है। पारा एथलीटों की संख्या इस बार अर्जुन पुरस्कार विजेताओं की लिस्ट में ज्यादा है। सभी ने पेरिस पैरालंपिक में लाजवाब प्रदर्शन करके भारत का तिरंगा लहराया था। इन्होंने 7 गोल्ड और 9 रजत सहित कुल 29 मेडल जीते थे।
खेल रत्न से सम्मानित होने वाले खिलाड़ियों को कितने पैसे देती है सरकार?
डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में रचा था इतिहास
18 साल के डी गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को को हराकर भारत का तिरंगा पूरे विश्व में लहरा दिया था। सबसे कम उम्र में विश्व चैंपियन बनने वाले खिलाड़ी भी बन गए। दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय बने, जिन्होंने यह कारनामा करके दिखाया।
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