सार

भाईचुंग भूटिया का मानना है कि भारतीय पुरुष टीम की तुलना में महिला टीम के वर्ल्ड कप में क्वालीफाई करने की संभावना ज़्यादा है। उन्होंने ज़ोर दिया कि महिला फ़ुटबॉल में निवेश और बेहतर प्रशिक्षण की ज़रूरत है।

भाईचुंग भूटिया का भारतीय फ़ुटबॉल पर विचार: वर्ल्ड कप (FIFA World Cup) में टीमों की संख्या 32 से बढ़कर 48 हो गई है, फिर भी भारत के लिए क्वालीफाई करना संभव नहीं हो पा रहा है। फिलहाल, भारतीय फ़ुटबॉल के दिग्गज भाईचुंग भूटिया को भारत की पुरुष टीम के वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद नहीं दिख रही है। लेकिन, वह भारत की महिला टीम को लेकर आशान्वित हैं। भाईचुंग ने कहा, 'भारत की महिला टीम के वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद ज़्यादा है। महिलाएं ही रास्ता दिखा सकती हैं। पुरुषों के फ़ॉर्मेट की तरह ही महिलाओं के वर्ल्ड कप में भी टीमों की संख्या FIFA ने बढ़ा दी है। पुरुषों के फ़ुटबॉल में पश्चिम एशिया की टीमें दबदबा दिखाती हैं। उनके देशों के क्लब ज़्यादा सफल हैं। लेकिन पश्चिम एशिया के देश महिला फ़ुटबॉल में पीछे हैं। इसलिए भारत जैसे देशों के लिए वर्ल्ड कप क्वालीफाई करने का मौका ज़्यादा है। लगभग 20 देश महिला वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग दौर में हिस्सा ही नहीं लेते। FIFA रैंकिंग में भारत की पुरुष टीम की तुलना में महिला टीम काफी आगे है।'

भारत महिला फ़ुटबॉल में कैसे सुधार कर सकता है?

महिला फ़ुटबॉल में सुधार के लिए भाईचुंग का सुझाव है, ‘छोटी बच्चियों के लिए उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी होगी और बुनियादी ढांचे में सुधार करना होगा। भारत में महिला फ़ुटबॉलरों के लिए एक भी अच्छी अकादमी नहीं है। अभी लड़कियों के लिए एकमात्र आवासीय फ़ुटबॉल अकादमी भाईचुंग भूटिया फ़ुटबॉल स्कूल्स है। ज़्यादा लड़कियां इंडियन वीमेंस लीग में नहीं खेल रही हैं। अलग-अलग राज्यों के फ़ुटबॉल संघों और अकादमियों को आगे आना होगा। महिला फ़ुटबॉल में निवेश करना होगा। तभी कोचिंग का स्तर, प्रशिक्षण का स्तर और प्रतियोगिता का स्तर बढ़ाया जा सकता है। मुझे विश्वास है कि भारत की पुरुष टीम की तुलना में महिला टीम के वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई करने की संभावना ज़्यादा है।’

लड़कों से आगे लड़कियां

AFC रैंकिंग में भारत की महिला टीम 12वें नंबर पर है। वहीं पुरुष टीम 22वें नंबर पर है। भाईचुंग के अनुसार, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया अभी एशिया की सबसे मज़बूत टीमें हैं। ये टीमें हर बार पुरुष वर्ल्ड कप फ़ुटबॉल के मुख्य दौर के लिए क्वालीफाई करती हैं। एशिया की चौथी टीम के रूप में सऊदी अरब या ईरान वर्ल्ड कप के मुख्य दौर में खेलता है। इसलिए भारत के लिए कोई मौका नहीं है, ऐसा कहना ही ठीक होगा। महिला फ़ुटबॉल में पश्चिम एशिया के देशों के न होने से भारत के लिए मौका ज़्यादा है।