Ravindra Jadeja Changed Bat: इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन में खिलाड़ियों के अलावा अंपायर भी काफी ज्यादा चर्चा में रहे हैं। कभी नो बॉल, विकेट और वाइड गेंद को लेकर चर्चा हुई है, तो कभी बल्ले की जांच करते हुए देखा गया है। दरअसल, आईपीएल में बल्लेबाजों को अनुचित लाभ लेने के लिए ऑनफील्ड अंपायर बीच मैच में ही बल्ले की अच्छी तरह से जांच कर रहे हैं। पिछले सीजन तक यह नियम ड्रेसिंग रूम तक ही सीमित था, लेकिन अब मैदान पर लागू हो चुका है। ऐसा ही कुछ रविंद्र जडेजा के साथ भी देखने को मिला है। जब अंपायर ने उनके बल्ले की पहली पड़ताल की, फिर बैटिंग करने के लिए कहा। आखिर ऐसा क्यों हुआ? आईए उसपर विस्तार से जानकारी लेते हैं।
दरअसल, सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ रविंद्र जडेजा बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आए। उस समय टीम थोड़ी मुश्किल स्थिति में थी। उनके आते ही अंपायर ने उन्हें अपने पास बुलाया और बल्ला मांगा। उसके बाद ऑनफील्ड अंपायर ने अच्छी तरह से उनके बैट की जांच की। चारों तरफ घुमाकर देखा और फिर बल्लेबाजी करने के लिए बोला। लेकिन लोगों को हैरानी उस समय हुई, जब जडेजा को दूसरे बल्ले से खेलने के लिए बोला गया। इसके पीछे का मुख्य कारण बल्ले का ज्यादा मोटा होना। ऐसे में जडेजा ने अंपायर के फैसले को मान्य कर दोबारा बल्ला बदलने के बाद खेलना शुरू किया।
कब से चली आ रही है बल्ले की जांच करने का नियम?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड BCCI ने IPL के इस सीजन में मैचों के दौरान वहां मौजूद अंपायर्स को नियमित रूप से बल्ले की जांच करने की सलाह दी है। बल्ले की अच्छी तरह से परखने की यह प्रथा काफी पुरानी है। फर्क केवल इतना है, कि पहले सभी खिलाड़ी मैच में आने से एक दिन पहले शाम को अपने बल्ले को निरीक्षण के लिए सब्मिट करते थे। पहले यह जांच सबके सामने नहीं होती थी। ड्रेसिंग रूम के भीतर ही सबकुछ तैयार हो जाता था और फिर बल्लेबाज बैटिंग करने आते थे।
किस तरह का होना चाहिए बल्लेबाजों का बल्ला?
मैदान पर अंपायर द्वारा मैच के दौरान जिन बल्लों की जांच की है। उसमें आईपीएल रूल बुक में लिखा हुआ नियम के विपरीत है। आमतौर पर बल्ले की चौड़ाई 4.25 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और गेज से आसानी से गुजरना चाहिए। नियम के हिसाब से बल्ले का ब्लेड इन आयामों से ज्यादा नहीं रहना चाहिए। जिसमें चौड़ाई 4.25/10.08 सेंटीमीटर, गहराई, 2.64/6.7 सेमी, किनारा, 1.56 इंच/ 4.0 सेमी रहना जरूरी है। इसके अलावा अंपायर के पास मौजूद गेज से बल्ला आसानी से बाहर आना चाहिए।