सार
लखनऊ: आईपीएल में आरसीबी के खिलाफ मैच में जितेश शर्मा को मैनकेडिंग आउट करने वाले दिग्वेश रथी की अपील वापस लेने पर चेन्नई के स्टार आर अश्विन ने लखनऊ के कप्तान ऋषभ पंत की आलोचना की है। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि कप्तान का काम अपने खिलाड़ी का साथ देना होता है, न कि उसे छोटा महसूस कराना।
दिग्वेश रथी मेरा न रिश्तेदार है, न दोस्त, मैं तो उसे जानता भी नहीं। लेकिन जितेश शर्मा को मैनकेडिंग से रन आउट करने के बाद ऋषभ पंत द्वारा अपील वापस लेना, यकीन मानिए, रथी के लिए बहुत बुरा होगा। करोड़ों लोग मैच देख रहे थे और रन आउट की अपील वापस लेकर पंत ने रथी को बेइज़्ज़त किया। गेंदबाजों के बारे में कोई नहीं सोचता।
मुद्दा ये नहीं है कि वो आउट था या नहीं। तकनीकी रूप से देखें तो जितेश शर्मा आउट नहीं था। लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि दिग्वेश ने जो किया वो सही था। अंपायर माइकल गॉफ ने दिग्वेश से पूछा कि क्या वो अपनी अपील पर कायम है, तो उसने हाँ कहा। इसलिए फील्ड अंपायर ने फैसला थर्ड अंपायर पर छोड़ दिया।
थर्ड अंपायर का ये फैसला भी सही था कि गेंदबाज़ अपना एक्शन पूरा कर चुका था, इसलिए रन आउट नहीं होगा। यहाँ तक तो सब ठीक था। गेंदबाज़ ने रन आउट किया, अपील की, रीप्ले में पता चला कि आउट नहीं है। लेकिन इसके बाद जो हुआ वो हैरान करने वाला था। कमेंटेटर कह रहे थे कि ऋषभ पंत ने अपील वापस ले ली है। इसे उन्होंने खेल भावना की मिसाल बताया।
मैं पूछता हूँ, अगर दिग्वेश आपका बेटा होता तो क्या आप ये कहते? करोड़ों लोग देख रहे हों और कप्तान अपनी टीम के खिलाड़ी की अपील वापस ले ले, जिससे वो बेइज़्ज़त हो, क्या आप ये बर्दाश्त करते? कप्तान का काम अपनी टीम का साथ देना होता है, ना कि उन्हें नीचा दिखाना। इस घटना के बाद अगर दिग्वेश को बुरा लगा तो इसमें कोई हैरानी नहीं है। मुझे नहीं लगता कि वो अब कभी ऐसा रन आउट करने की कोशिश करेगा, क्योंकि उसे बहुत बेइज़्ज़ती झेलनी पड़ी।