सार
Navratri 2022: इस बार शारदीय नवरात्रि का आरंभ 26 सितंबर, सोमवार से हो रहा है, जो 4 अक्टूबर, मंगलवार तक रहेगी। इस बार नवरात्रि की शुरूआत 1 नहीं 8 राजयोग में होगी, जिसके चलते इसका महत्व और भी अधिक रहेगा।
उज्जैन. शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2022)का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार ये पर्व 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। खास बात ये है कि इस बार नवरात्रि में तिथि क्षय न होने से ये पूरे 9 दिन के रहेंगे। नवरात्रि में तिथि क्षय न होना बहुत ही शुभ माना जाता है। नवरात्रि के दौरान 2 सर्वार्थसिद्धि, 1 द्विपुष्कर और 3 रवियोग बनेंगे। इन योगों में कोई भी शुभ कार्य व खरीदी की जा सकेगी। नवरात्रि की शुरूआत 8 राजयोग में होगी, जिसके चलते इस महत्व और भी बढ़ गया है।
नवरात्रि के पहले दिन बनेंगे ये 8 राजयोग (Navratri 2022 Shubh Yog)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 26 सितंबर को यानी नवरात्रि के पहले दिन ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से केदार, भद्र, हंस, गजकेसरी, शंख और पर्वत नाम के 6 राज योग बन रहे हैं। इनके अलावा कन्या राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य और बुध-शुक्र की युति से लक्ष्मीनारायण नाम के 2 अन्य राजयोग भी बनेंगे। इस तरह नवरात्रि की शुरूआत 8 राजयोग में होगी। ये सभी राजयोग शुभ फल प्रदान करने वाले हैं।
बनेगा ग्रहों का दुर्लभ योग (Sharadiya Navratri 2022 Yog)
इस बार नवरात्रि के दौरान ग्रहों के कई दुर्लभ संयोग बनेंगे। नवरात्रि के पहले दिन कन्या राशि में सूर्य, बुध, चंद्रमा और शुक्र ग्रह एक साथ रहेंगे, जिससे चतुर्ग्रही योग बनेगा। 27 सितंबर को चंद्रमा के राशि परिवर्तन के बाद त्रिग्रही योग पूरे 9 दिन तक बना रहेगा। इस समय शनि, गुरु और बुध अपनी-अपनी राशि में वक्री अवस्था में है। ऐसा दुर्लभ संयोग बहुत कम बार बनता है।
ये है कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त (Navratri 2022 Kalash Sthapna Muhurat)
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल प्रतिपदा तिथि 25 सितंबर, शनिवार की रात 03:24 से शुरू होकर 26 सितंबर, रविवार की रात 03:08 तक रहेगी। इस दिन हस्त नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। घट स्थापना के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं-
सुबह 10.10 से 11 बजे तक- वृश्चिक लग्न
सुबह 11.36 से दोपहर 12.24 तक- अभिजीत मुहूर्त
शाम 4.15 से 5.40 तक- कुंभ लग्न
ये हैं नवरात्रि की खास तिथियां
प्रतिपदा तिथि- ये नवरात्रि की पहली तिथि है। इस तिथि से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। इस दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। ये तिथि 26 सितंबर, सोमवार है।
महासप्तमी- ये नवरात्रि का सातवीं तिथि है। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। कन्या पूजा की शुरूआत भी इसी तिथि से होती है। इस बार ये तिथि 2 अक्टूबर, रविवार को है।
महाष्टमी- ये नवरात्रि की आठवीं तिथि है। इस दिन देवी महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कुलदेवी की पूजा की परंपरा भी है। इस बार ये तिथि 3 अक्टूबर, सोमवार को है।
महानवमी- ये नवरात्रि की अंतिम तिथि है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन भी कन्या पूजा व कुलदेवी की पूजा की जाती है। इस बार ये तिथि 4 अक्टूबर, मंगलवार को है।
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