सार

महिलाओं को हर महीने एक निश्चित समय पर मासिक धर्म (पीरियड) होता है। ये एक सामान्य प्राकृतिक अवस्था है, लेकिन क्या आप जानते हैं इससे जुड़ी एक कथा श्रीमद्भागत में मिलती है कि कैसे महिलाओं को मासिक धर्म शुरू हुआ।

 

Interesting stories from Hindu scriptures: हिंदू धर्म ग्रंथों में कईं ऐसी रोचक कथाएं हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ऐसी ही एक रोचक कथा देवराज इंद्र से भी जुड़ी है। कथा के अनुसार देवराज इंद्र की गलती की सजा आज भी महिलाएं भुगत रही हैं, वो सजा है मासिक धर्म यानी पीरियड। वैसे तो महिलाओं का पीरियड एक सामान्य प्राकृतिक अवस्था है लेकिन इससे जुड़ी जो कथा श्रीमद्भागवत में है, वह भी काफी रोचक है। जानें क्या है ये कथा…

2 या 3 फरवरी, कब है बसंत पंचमी 2025? नोट करें सही डेट और पूजा का मुहूर्त

 

जब असुरों से हार गए देवराज इंद्र

श्रीमद्भागवत के अनुसार, एक बार किसी बात पर देवताओं के गुरु बृहस्पति देवराज इंद्र से नाराज हो गए। इस बात का फायदा उठाते हुए असुरों ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया और देवराज इंद्र को युद्ध में हरा दिया। इंद्र को स्वर्ग छोड़कर भागना पड़ा। तब इंद्रदेव भगवान ब्रह्मा के पास गए और उनसे इस समस्या का उपाय पूछा। तब ब्रह्माजी ने कहा कि ‘तुम्हें किसी ब्रह्मज्ञानी की सेवा करनी होगी, तभी तुम्हें स्वर्ग वापस मिलेगा।’

इंद्र ने की ब्रह्महत्या

ब्रह्मदेव की बात मानकर इंद्र एक ब्रह्मज्ञानी की सेवा करने लगे, लेकिन इंद्र ये नहीं जानते थे कि उस ब्रह्मज्ञानी की माता एक असुर है। इंद्रदेव जो भी सामग्री उस ब्रह्मज्ञान को चढ़ाते वह असुरों के पास चली जाती, जिससे इंद्र की तपस्या पूरी नहीं हो पा रही थी। जब इंद्र को ये पता चला तो उन्होंने उस ब्रह्मज्ञानी की हत्या कर दी, जिससे इंद्र पर ब्रह्महत्या का पाप लगा। यह पाप इंद्रदेव का पीछा करने लगा।

इंद्रदेव ने की तपस्या

ब्रह्महत्या के पाप से बचने के लिए इंद्र ने भगवान विष्णु की घोर तपस्या की। तब भगवान विष्णु ने कहा कि तुम्हें इस ब्रह्महत्या का फल दूसरों को लेने से मनाना होगा, तभी तुम्हें इससे मुक्ति मिलेगी। तब देवराज ने इस पाप का फल लेने के लिए नदी, पर्वत, वृक्ष और स्त्री जाति को तैयार। इंद्र ने सभी को ब्रह्महत्या का फल बराबर बांट दिया, साथ ही कुछ वरदान भी दिए।

इंद्र ने महिलाओं को क्या वरदान दिया?

देवराज इंद्र ने जब स्त्रियों को ब्रह्महत्या का पाप का अंश दिया तो इसके बाद उन्हें मासिक धर्म होने लगा। तब इंद्र ने उन्हें वरदान दिया कि ‘ ब्रह्महत्या के पाप के फलस्वरूप स्त्रियों को हर महीने मासिक धर्म होगा लेकिन वे पुरुषों के मुकाबले कईं गुना काम का आनंद उठा सकेंगी।’ तभी से महिलाओं को मासिक धर्म की समस्या भुगतनी पड़ रही है।


ये भी पढ़ें-

ये हैं वो 5 सपने, जो देते हैं लाइफ में बड़ी सफलता का संकेत


घर में विवाद हो तो करें ये 5 उपाय, फैमिली कहेगी ‘एक-दूसरे से करते हैं प्यार हम’


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।