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Sade Saati Upay: 3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती, बर्बाद होने से बचा सकते हैं 5 उपाय
Shani Jayanti 2025 Date: इस बार शनि जयंती का पर्व 27 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। जिन लोगों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है, वे यदि इस दिन कुछ खास उपाय करें तो उनकी परेशानी कुछ कम हो सकती है।
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शनि जयंती के उपाय बचाते हैं संकटों से
Shani Jayanti Kab Hai: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव होता है, उनका जीवन नरक से भी बदतर हो जाता है। कदम-कदम पर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में कुछ आसान उपाय उन्हें बर्बाद होने से बचा सकते हैं। ये उपाय यदि शनि जयंती के मौके पर किए जाएं तो और भी ज्यादा प्रभावशाली होते हैं। इस बार शनि जयंती का पर्व 27 मई, मंगलवार को है। आगे जानिए इस समय कौन-सी राशियां साढ़ेसाती से पीड़ित हैं और शनि जयंती पर ये कौन-से उपाय करें…
कौन-सी 3 राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती? (Kin Rashiyo Par Hai Shani Ki Sade Saati)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, वर्तमान में शनि मीन राशि में है। जिसके चलते कुंभ, मीन और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना हुआ है। शनि की साढ़ेसाती का सबसे ज्यादा अशुभ प्रभाव मेष और मीन राशि के लोगों पर है, क्योंकि इन पर साढ़ेसाती का पहला और दूसरा चरण चल रहा है। कुंभ राशि वालों पर उतरती साढ़ेसाती है, इसलिए इन लोगों को थोड़ी राहत का समय है लेकिन फिर भी ये लोग यदि शनि के उपाय करें तो इनके लिए शुभ रहेगा।
शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए कौन-से उपाय करें? (Shani Ke Upay)
1. शनि जयंती पर शनिदेव को सरसों के तेल चढ़ाएं। इस तेल में काले तिल, काली उड़द भी डालें। इससे शनिदेव की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी।
2. शनि जयंती पर यानी 27 मई, मंगलवार को शनि से संबंधित चीजों का दान करें जैसे जूते-चप्पल, काला कंबल, काले कपड़े और काले तिल व उड़द।
3. शनि जयंती पर शनि देव के मंत्रों का जाप करें। इसके लिए काली तुलसी की माला का उपयोग करें। ये हैं शनिदेव के आसान मंत्र-
- ऊं शं शनैश्चराय नमः
- ऊं प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः:
- ऊं भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्:
- ऊं शन्नोदेवीरभिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः
4. शनि जयंती पर कुष्ठ रोगियों को तेल में बना भोजन खिलाएं जैसे-भजिए, पूरी, मालपुए आदि।
5. शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा विधि-विधान से करें और व्रत भी रखें। शाम को उड़द दाल की खिचड़ी का भोग लगाकर उसी से अपना व्रत खोलें।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।