Vidur Niti: महाभारत में महात्मा विदुर ही एकमात्र ऐसे पात्र थे, जिन्होंने हस्तिनापुर में रहते हुए भी पांडवों का खुलकर समर्थन किया। विदुर ने 6 ऐसे लोगों के बारे में अपनी नीति में बताया है जो हमेशा दुखी रहते हैं।

Life Management of Vidur Niti: महात्मा विदुर के बारे में हम सभी जानते हैं। ये महाभारत के प्रमुख पात्रों में से थे और हस्तिनापुर के महामंत्री भी। विदुर ने शुरू से ही पांडवों का समर्थन किया और दुर्योधन के गलत कामों का विरोध किया। महात्मा विदुर ने महाभारत में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक टिप्स भी बताए हैं। इन टिप्स को विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपनी एक नीति में ऐसे 6 तरह के लोगों को बारे में बताया है, जो हमेशा दुखी रहते हैं और कभी जीवन का आनंद नहीं ले पाते। आगे जानिए कौन हैं ये 6 लोग…

विदुर नीति का श्लोक

ईर्ष्यी घृणी न सन्तुष्ट: क्रोधनो नित्यशड्कित: ।
परभाग्योजीवी च षडेते नित्यदु:खिता: ।।

अर्थ- दूसरों से ईर्ष्या करने वाला, दूसरों से घृणा करने वाला, हमेशा असंतुष्ट रहने वाला, क्रोध करने वाला, शक करने वाला और दूसरों पर आश्रित, ये सभी लोग हमेशा दुखी रहते हैं।

दूसरों से ईर्ष्या करने

महात्मा विदुर के अनुसार, जो लोग दूसरों से ईर्ष्या करते हैं वो हमेशा दुखी रहते हैं क्योंकि ये लोग दूसरों की खुशी नहीं देख पाते और सुखी देखकर मन ही मन जलने लगते हैं। उनके मन का यही भाव इन्हें अंदर ही अंदर जलाता रहता है जिससे ये दुखी रहते हैं।

दूसरों से घृणा करने वाले

कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरों को अपने से छोटा समझते हैं। उनके मन का यही भाव उन्हें दूसरों के घृणा यानी नफरत करने पर मजबूर कर देते हैं। ऐसे लोग अपने आस-पास के लोगों को भी हेय दृष्टि से देखते हैं जिससे ये हमेशा बैचेन और दुखी रहते हैं। ये चाहकर भी जीवन का मजा नहीं ले पाते।

असंतुष्ट लोग भी रहते हैं दुखी

कुछ लोगों के पास कितनी ही धन-दौलत या जीवन का हर सुख क्यों न हो, तो भी वे हमेशा असंतुष्ट ही रहते हैं, कभी संतुष्ट नहीं होते। ऐसे लोग अपनी जरूरतों से ज्यादा धन-दौलत की उम्मीद लगाए बैठे रहते हैं और इसी कारण ये हमेशा दुखी रहते हैं।

हमेशा क्रोध करने वाले

कुछ लोगों का स्वभाव गुस्सा करने वाला होता है। ये छोटी-छोटी बातों पर किसी से भी गुस्सा हो जाते हैं। यही गुस्सा इनके लिए दुख का कारण बन जाता है। इनके पास चाहे कितनी भी सुख-सुविधा क्यों न हो, लेकिन ये फिर भी दुखी ही रहते हैं।

शक करने वाले नहीं ले पाते जीवन का मजा

कुछ लोगों की आदत होती है बात-बात पर शक करने की। उनके मन में हमेशा कोई न कोई बात चलती रहती है, उनकी ये आदत इन्हें पल भर के लिए चैन से जीने नही देती जिससे ये जीवन का आनंद नहीं उठा पाते और हमेशा दुखी रहते हैं।

दूसरों पर आश्रित रहने वाले

कुछ लोगों का स्वभाव के कारण या किसी मजबूरी में अपने जीवनयापन पर दूसरों के आश्रित हो जाते हैं। ये स्थित बहुत ही दुख देने वाली होती है क्योंकि इन्हें इस दौरान कईं बार अपमान का सामना भी करना पड़ता है। इसलिए ये हमेशा दुखी रहते हैं।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।