unique temples of india: उड़ीसा के पुरी में हनुमानजी का एक प्राचीन मंदिर है, जहां हनुमानजी की प्रतिमा को लोहे की जंजीरों से बांधा गया है। जंजीर से बंधे होने के कारण ही इसे बेड़ी हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। 

bedi hanuman temple puri: उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का प्राचीन और चमत्कारी मंदिर है। हर साल यहां आषाढ़ मास में रथयात्रा निकाली जाती है। इस बार जगन्नाथ रथयात्रा 27 जून से शुरू होगी। पुरी में ही हनुमानजी का एक प्राचीन मंदिर है यहां हनुमानजी की प्रतिमा को लोहे की बेड़ियों यानी जंजीर से बांधा गया है इसलिए इसे बेड़ी हनुमान मंदिर कहते हैं। इसे दरिया महावीर हनुमान मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर में हनुमानजी को जंजीरों से किसने और क्यों बांध है, इससे जुड़ी एक रोचक कथा प्रचलित है। जानें क्या है रोचक कथा…

किसने बांधा हनुमानजी को जंजीरों से?

प्रचलित कथा के अनुसार, जब भगवान जगन्नाथ पृथ्वी पर आए और पुरी में आकर स्थापित हो गए तो सभी देवी-देवता उनके दर्शन करने यहां आए। देवी-देवताओं को पुरी में आया देख समुद्रदेव के मन में भी भगवान जगन्नाथ के दर्शन का विचार आया तो वे भी एक दिन मंदिर आए लेकिन उनके आने से समुद्र का पानी नगर में प्रवेश कर गया जिससे वहां रहने वाले लोग परेशान हो गए।
जब ऐसा बार-बार होने लगा तो भक्तों ने अपनी समस्या भगवान जगन्नाथ को बताई। समुद्र को रोकने के लिए जगन्नाथ भगवान ने हनुमानजी को बुलाया और कहा कि ‘समुद्र किसी भी तरह पुरी में प्रवेश न करे, इसलिए तुम तट पर रहो।’ हनुमानजी ने भी उनकी बात मान ली और समुद्र तट पर पहरा देने लगे, जिसके चलते समुद्र शांत रहने लगा।
एक दिन समुद्र ने चतुराई दिखाते हुए हनुमानजी से कहा कि ‘आप हमेशा तट पर ही रहते हैं क्या आपके मन में कभी प्रभु जगन्नाथ के दर्शन करने का विचार नहीं आता।’ समुद्र की बात सुनकर हनुमानजी भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने पहुंच गए। उसके साथ ही समुद्र भी शहर में प्रवेश कर गया। इस तरह समुद्र बार-बार हनुमानजी को भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए कहता और स्वयं भी उनके पीछे-पीछे शहर में आ जाता।
जब भगवान जगन्नाथ ने ये देखा तो उन्होंने हनुमानजी को जंजीरों से बांध दिया, जिससे वे समुद्र तट पर ही रहकर पहरा दे सकें। तब से आज तक हनुमानजी भगवान जगन्नाथ के द्वारा बांधी गई जंजीरों में जकड़े हुए हैं। जंजीरों से जकड़े जाने के कारण ही हनुमानजी के इस मंदिर को बेड़ी हनुमान के नाम से जाना जाता है। हनुमानजी का ये प्राचीन मंदिर पुरी में चक्र तीर्थ मार्ग पर स्थित है।


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