Sawan 2025: कार्तिकेय और श्रीगणेश के अलावा और कितने पुत्र हैं महादेव के?
Interesting stories of Lord Shiva: हम सभी भगवान शिव के 2 पुत्रों के बारे में जानते हैं कार्तिकेय और श्रीगणेश। लेकिन इनके अलावा भी महादेव के कईं और पुत्र हैं जिनका वर्णन पुराणों में मिलता है। इनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है।
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क्या आप जानते हैं महादेव के इन 5 पुत्रों के बारे में?
Baghwan Shiv Ke Kitne putra hai: भगवान शिव को परिवार के देवता कहा जाता है क्योंकि त्रिदेवों में एक मात्र महादेव की ही संताने हैं अन्य किसी देवी-देवता की संतानों का वर्णन धर्म ग्रंथों में नहीं मिलता। आमतौर पर लोग भगवान शिव के 2 पुत्र कार्तिकेय और श्रीगणेश के बारे में ही जानते हैं लेकिन अन्य पुराणों में महादेव के 5 और पुत्रों के बारे में जानकारी मिलती है। सावन के इस पवित्र महीने में जानिए भगवान शिव के इन पुत्रों के बारे में…
शिव और मोहनी के पुत्र हैं अयप्पा स्वामी
दक्षिण भारत अयप्पा स्वामी को भगवान शिव और मोहिनी के पुत्र के रूप में पूजा जाता है। प्रचलित कथा के अनुसार जब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया उनके रूप को देखकर महादेव का वीर्यपात हो गया, जिससे अयप्पा स्वामी की उत्पत्ति हुई। इसलिए अयप्पा स्वामी को हरिहरपुत्र भी कहा जाता है। केरल में अयप्पा स्वामी का प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे शबरीमाला के नाम से जाना जाता है।
समुद्र से जन्मा जलंधर
श्रीमद्देवी भागवत पुराण के अनुसार एक बार भगवान शिव का वीर्य समुद्र में जा गिरा, जिससे जलधंर पैदा हुआ। जलधंर बहुत ही शक्तिशाली था। उसने देवताओं पर बहुत अत्याचार किया। जलंधर का विवाह वृंदा से हुआ। वृंदा के सतीत्व के कारण कोई भी जलंधर का वध करने में असमर्थ था। तब भगवान विष्णु ने छल से वृंदा का सतीत्व भंग कर दिया और महादेव ने जलंधर का वध कर दिया।
जन्म से ही अंधा था अंधकासुर
धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने महादेव की आंखें ढंक दीं, जिससे पूरे संसार में अंधेरा छा गया। उस समय महादेव के शरीर से जो पसीना गिरा, उसी से अंधकासुर का जन्म हुआ। अंधकासुर जन्म से ही अंधा था। उसे हिरण्याक्ष नाम के एक असुर ने पाला, जिससे उसमें राक्षसी प्रवृत्ति आ गई और देवताओं को अपने दुश्मन समझने लगा। शिवजी का पुत्र होने से कोई भी उसे पराजित नहीं कर सकता था, इसलिए स्वयं महादेव ने उसका वध किया।
मंगल ग्रह भी महादेव के पुत्र
पुराणों के अनुसार, एक बार महादेव के शरीर की 3 बूंदें धरती पर गिरी, जिससे एक लाल रंग वाला एक अत्यंत सुंदर बालक उत्पन्न हुआ। पृथ्वी देवी ने माता के रूप में उसका पालन-पोषण किया। भूमि द्वारा पालने के कारण इसका नाम भौम और भूमा पड़ा। भूमा ने काशी में जाकर महादेव को घोर तपस्या की। प्रसन्न होकर महादेव ने उसे नवग्रहों में स्थान दिया और उसका नाम मंगल रखा।
राक्षस कुल का था महादेव का ये पुत्र
धर्म ग्रंथों में भगवान शिव के एक और पुत्र का वर्णन मिलता है, जिसके माता-पिता तो राक्षस कुल के थे लेकिन शिव और पार्वती ने ही उसे पुत्र रूप में पाला था। इसका नाम है सुकेश, इनकी माता सालकंटकटा और पिता विद्युत्केश थे। माता-पिता द्वारा त्याग दिए जाने के कारण महादेव और देवी पार्वती ने सुकेश का पालन पोषण किया। इसलिए सुकेश को इन्हीं का पुत्र कहा जाता है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।