Ravivar Ke Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रविवार के स्वामी भगवान सूर्यदेव हैं। रविवार को यदि सूर्यदेव से संबंधित उपाय किए जाएं तो कईं परेशानियों से बचा जा सकता है। ये उपाय बहुत ही आसान हैं जो कोई भी कर सकता है। 

Ravivar Ko Kon Se Upay Kare: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक सप्ताह में 7 दिन होते हैं। इन सभी दिनों के अलग-अलग स्वामी ग्रह होते हैं जैसे रविवार के स्वामी सूर्यदेव हैं, जो पंचदेवों में से भी एक हैं। लाल किताब में सूर्यदेव को प्रसन्न करने के अनेक उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करके हम सूर्यदेव से शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। जो लोग सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें ये उपाय विशेष रूप से करने चाहिए। आगे जानिए सूर्यदेव के शुभ फल पाने के 5 अचूक उपाय…

सूर्यदेव को जल चढ़ाएं

रविवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उदय होते हुए सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। सूर्यदेव को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे के उपयोग करें और इस जल में थोड़ा सा कुमकुम और लाल फूल मिला लें तो और भी ज्यादा फायदा आपको हो सकता है। ये छोटा का उपाय आपकी हर परेशानी दूर कर सकता है।

सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करें

रविवार को सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और हर तरह की सुख-समृद्धि हमें प्रदान करते हैं। ये हैं सूर्यदेव के कुछ आसान मंत्र-
- ऊं सूर्याय नमः
- ऊं आदित्याय नमः
- ऊं भास्कराय नमः
- ऊं घृणि सूर्याय नमः
- ऊं मित्राय नमः
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा:

सूर्य से संबंधित चीजों का दान करें

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य से संबंधित अनेक चीजें बताई गई हैं। इन चीजों का दान जरूरतमंदों को करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा हमारे ऊपर बनाए रखते हैं। ये हैं सूर्य से संबंधित चीजें-गेहूं, गुड़, लाल कपड़ा, तांबे के बर्तन, मसूर की दाल, पूजा की सुपारी आदि।

रविवार को अलोन व्रत रखें

अगर आप सूर्य से संबंधित शुभ फल पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको रविवार को उपवास रखना चाहिए। इस दिन आप एक समय फलाहार कर सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शाम को जो भी भोजन करें उसमें नमक का उपयोग न करें। इसे ही अलोन व्रत कहा जाता है।

आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें

हर रविवार आप सुबह स्नान आदि करने के बाद आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। ये स्त्रोत बहुत ही चमत्कारी है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने भी रावण का वध करने से पहले आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ किया था। इस स्त्रोत के पाठ से आपके बिगड़े हुए हर काम बन सकते हैं और धन लाभ के योग भी।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।