सार
Jyeshtha Amavasya 2025 Shubh Sanyog: इस बार 27 मई को बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है। सालों में एक बार ऐसा दुर्लभ संयोग बनेगा, जब एक ही दिन 4 अलग-अलग देवताओं का आशीर्वाद होगा।
Shani Jayanti Bada Mangal on Jyeshtha Amavasya 2025: इस बार 27 मई का दिन बहुत ही खास रहेगा क्योंकि इस दिन 4 दुर्लभ संयोग एक ही दिन बन रहे हैं। ऐसा संयोग सालों में एक बार बनता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 27 मई, मंगलवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या है। मंगलवार को अमावस्या होने से ये भौमी अमावस्या कहलाएगी। इस दिन शनि जयंती और ज्येष्ठ मास का तीसरा बड़ा मंगल भी रहेगा। इतने सारे शुभ योगों के चलते ये दिन बहुत ही खास हो गया है।
कब है ज्येष्ठ मास की अमावस्या?
27 मई को ज्येष्ठ मास की अमावस्या है, इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय जैसे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि करने चाहिए। इन उपायों से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होता है। इस तरह इस दिन हमें पितरों से वरदान मिल सकता है।
कब है भौमवती अमावस्या?
27 मई को अमावस्या तिथि मंगलवार को होने से ये भौमवती अमावस्या कहलाएगी। भौम का अर्थ है मंगल। यानी इस दिन मंगल ग्रह से संबंधित उपाय करने से मंगलदेव की कृपा हमें प्राप्त हो सकती है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में है, उन्हें इस दिन मंगल की पूजा और उपाय विशेष रूप से करने चाहिए।
कब है ज्येष्ट मास की तीसरा बड़ा मंगल?
ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। हनुमानजी की पूजा के लिए इन मंगलवारों का विशेष महत्व माना गया है। इस बार 27 मई को ज्येष्ठ मास का तीसरा बड़ा मंगल रहेगा, जिसके चलते इस दिन की गई हनुमानजी की पूजा का खास महत्व रहेगा। हनुमानजी की कृपा पाने का ये बहुत ही शानदार दिन है।
कब है शनि जयंती 2025?
27 मई को ही शनि जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन शनिदेव की पूजा कर आप उनका आशीर्वाद भी पा सकते हैं। जिन लोगों पर इस समय शनि की ढैया और साढ़ेसाती का असर है, उनके लिए ये दिन बहुत ही खास है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।