सार

Ramcharit Manas: गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई श्रीरामचरित मानस में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े अनेक टिप्स बताए गए हैं। इन टिप्स को अपनाकर जीवन की अनेक परेशानियों से बचा जा सकता है।

 

गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई श्रीरामचरित मानस में भगवान श्रीराम के जीवन का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया है। इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक टिप्स भी बताई गई है। श्रीरामचरित मानस के अरण्य कांड में 9 ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जिनकी बात हमें तुरंत मान लेनी चाहिए। ऐसा न करने पर किसी बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं। आगे जानिए कौन हैं ये 9 लोग…

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क्या है ये पूरा प्रसंग?

रावण सीता हरण करने से पहले अपने मामा मारीच के पास गया। वहां जाकर रावण ने मारीच से सोने का हिरण बनने को कहा। पूरी बात जानकर मारीच ने रावण को समझाया कि वह श्रीराम से दुश्मनी न करे क्योंकि वो स्वयं नारायण के अवतार हैं। मारीच की ये बातें सुनकर रावण को क्रोध आ गया और वह अपनी शक्तियों का बखान करने लगा। रावण के मुख से ऐसी बात सुनकर मारीच ने जो सोचा, उसे हमें भी याद रखना चाहिए।

क्या सोचा मारीच ने?

मारीच ने जो उस समय जो सोचा, उसके बारे में रामचरित मानस में लिखा है…

तब मारीच हृदयँ अनुमाना। नवहि बिरोधें नहिं कल्याना।।
सस्त्री मर्मी प्रभु सठ धनी। बैद बंदि कबि भानस गुनी।।

अर्थ- रावण की बात सुनकर मारीच ने सोचा कि हमें शस्त्रधारी, हमारे राज जानने वाला, समर्थ स्वामी, मूर्ख, धनवान व्यक्ति, वैद्य, भाट, कवि और रसोइयां, इन लोगों की बातें तुरंत मान लेनी चाहिए। इनसे कभी विरोध नहीं करना चाहिए, अन्यथा हमारे प्राण संकट में फंस सकते हैं। ऐसा सोचकर मारीच ना चाहते हुए भी रावण के साथ चला गया।

क्यों माननी चाहिए इन 9 लोगों की बात?

1. शस्त्रधारी की बात मानने से हमारे प्राणों की रक्षा होती है, इसलिए ऐसा करना चाहिए।
2. जो व्यक्ति हमारे राज जानना तो, उसकी बात भी मान लेनी चाहिए, नहीं तो हमारी गुप्त बातें सार्वजनिक हो सकती है।
3. स्वामी यानी जिसके अधीन हम काम करते हैं, उसकी बात भी तुरंत मान लेनी चाहिए, नहीं तो हमारी नौकरी जा सकती है।
4. मूर्ख व्यक्ति को समझाने से कोई मतलब नहीं, इसलिए उसकी बात भी तुरंत मान लेनी चाहिए।
5. धनवान व्यक्ति की बात मान लेने ही हमारी भलाई है।
6. वैद्य की बात न मानने से वो हमारा उपचार ठीक से नहीं करेगा।
7. भाट की बात को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए नहीं तो हमारी तारीफ नहीं करेगा।
8. कवि की बात न मानने से वो हमारि विरुद्ध कविताएं लिख प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा सकता है।
9. रसोइए की बात न मानने सो हमारे भोजन में विष मिला सकता है।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।