Jagannath Rath Yatra 2025: उड़ीसा के पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। ये रथयात्रा एक मुस्लिम व्यक्ति की मजार पर जाकर कुछ देर रूकती हैं फिर आगे बढ़ती है। जानें किस मुस्लिम की है ये मजार?

Jagannath Rath Yatra Interesting Facts: इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 27 जून, शुक्रवार से शुरू होगी। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ी अनेक रोचक मान्यताएं और परंपराएं हैं, जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। आपको ये बात जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा एक मुस्लिम व्यक्ति की मजार पर जाकर कुछ देर रुकती है। इसके बाद आगे की ओर चलती है। ये मजार किस व्यक्ति की है और यहां भगवान जगन्नाथ का रथ क्यों रोका जाता है, इससे जुड़ी एक कथा भी है। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें…

किसकी मजार पर रुकता है भगवान जगन्नाथ का रथ?

- प्रचलित कथा के अनुसार, किसी समय पुरी में सालबेग नाम का एक मुस्लिम रहता था। वह मुगलों की सेना में था। चोट लगने के कारण उसे जब सेना से निकाल दिया तो वह भगवान जगन्नाथ का भक्त बन गया और उनकी पूजा करने लगा। धीरे-धीरे उसके घाव भर गए जिससे उसकी भक्ति भगवान जगन्नाथ के प्रति और बढ़ गई।
- मुस्लिम होने के कारण सालबेग को कभी मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। सालबेग ने जीवन भर भगवान जगन्नाथ की भक्ति की और ऐसे ही उसकी मृत्यु हो गई। सालबेग की मृत्यु के बाद जब भगवान जगन्नाथ का रथयात्रा निकाली गई तो भगवान जगन्नाथ का रथ सालबेग के घर के सामने आकर रूक गया।
- काफी कोशिश के बाद भी भगवान का रथ आगे नहीं बढ़ पाया तब किसी ने पुजारी को बताया कि यहीं पर भगवान जगन्नाथ का मुस्लिम भक्त सालबेग रहता था। तब सभी ने भक्त सालबेग के नाम का जयकारा लगाया और कहीं जाकर भगवान का रथ आगे बढ़ा। इसके बाद लोगों ने वहां सालबेग की मजार बना दी।
- आज भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा जब भी निकाली जाती है तो उनका रथ सालबेग की मजार की आगे कुछ देर जरूर रुकता है। इस तरह एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी भक्ति से भगवान जगन्नाथ को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त की। ये मजार आज भी भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है।