सार

Telangana Narasimha Temple: हमारे देश में भगवान की अनेक चमत्कारी मूर्तिया हैं, जिनके कोई न कोई रहस्य जुड़ा हुआ है। भगवान नृसिंह की ऐसी ही एक मूर्ति तेलंगाना के एक मंदिर हैं, जो छूने पर बिल्कुल इंसानों जैसी लगती है।

 

Telangana Narasimha Temple: भारत मंदिरों का देश हैं। यहां के कईं ऐसे हैं, जिनका रहस्य आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है मल्लुरु नरसिम्हा स्वामी मंदिर। इसे हेमाचल नरसिम्हा स्वामी मंदिर भी कहते हैं। ये मंदिर तेलंगाना के वारंगल जिले के मंगपेट मंडल के मल्लुर में स्थित है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसमें स्थापित भगवान नृसिंह की प्रतिमा है। लोग इसे जीवित मूर्ति कहते हैं। दूर-दूर से लोग इस चमत्कारी मूर्ति के दर्शन आते हैं। आगे जानिए क्यों खास है ये नृसिंह प्रतिमा…

क्यों रहस्यमयी है मल्लुरु नरसिम्हा स्वामी की प्रतिमा?

स्थानीय लोगों का दावा है कि मंदिर में स्थापित भगवान नरसिंह की प्रतिमा में चमत्कारी है क्योंकि इसे देखने पर इसके जीवित होने का अहसास होता है। इतना ही नहीं पत्थर की प्रतिमा होने पर भी इसे छूने है तो इसकी त्वचा इंसानों जैसे मुलायम महसूस होती है। अगर इसे जोर से दबाया जाए तो त्वचा पर गड्ढा बन जाता है। प्रतिमा की आंखें भी इसके सजीव होने का अहसास दिलाती है। इस प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 10 फीट है।

क्या है मल्लुरु नरसिम्हा स्वामी मंदिर का इतिहास?

मल्लुरु नरसिम्हा स्वामी मंदिर का इतिहास 6टी शताब्दी से पहले का बताया जाता है। मान्यता है कि ऋषि अगस्त्य ने इस पहाड़ी का नाम हेमचला रखा था। ये मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तु कला का अनुपम उदाहरण हैं। मंदिर की दीवारों पर अन्य देवी-देवताओं की सुंदर चित्र व मूर्तियां इसे और भी सुंदर बनाती हैं। पहाड़ी पर बने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तों को लगभग 150 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। साल में एक बार मंदिर में ब्रह्मोत्सवम मनाया जाता है। इस दौरान भगवान नृसिंह की इस चमत्कारी प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है।

कैसे पहुंचे मल्लुरु नरसिम्हा स्वामी मंदिर?

- भगवान नृसिंह के इस मंदिर तक आने के लिए आपको सबसे पहले वारंगल पहुंचना होगा। यहां से सबसे निकट हवाई अड्डा हैदराबाद है। यहां से आप आसानी से इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
- वारंगल में ही एक रेलवे स्टेशन है जो देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां आकर टैक्सी के जरिए आप आसानी से नरसिंह मंदिर पहुंच सकते हैं।
- वारंगल सड़क मार्ग से भी पूरे देश से जुड़ा हुआ है। आप अपने निजी वाहन से भी यहां तक आसानी से आ सकते हैं।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।