Jagannath Rath Yatra 2025: उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का प्रसिद्ध मंदिर हैं। इस मंदिर में एक रहस्यमयी कुआं है जिसे सोने का कुआं कहा जाता है। इस कुएं में कितना सोना है ये कोई भी नहीं जानता।
Interesting facts about Jagannath Temple: हिंदुओं के पवित्र 4 धामों में जगन्नाथ धाम भी एक है। ये मंदिर उड़ीसा के पुरी में स्थित है। हर साल यहां आषाढ़ मास में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त यहां आते हैं। भगवान जगन्नाथ का मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है। कुछ रहस्य तो ऐसे हैं जिनके बारे में आज तक कोई जान नहीं पाया है। जगन्नाथ मंदिर का कुआं भी इन रहस्यों में से एक है। जानें क्यों खास है जगन्नाथ मंदिर का ये कुआं…
क्यों खास है जगन्नाथ मंदिर का ये कुआं?
जगन्नाथ मंदिर परिसर में एक बहुत बड़ा कुआ है। इस कुएं का निर्माण किसने करवाया, ये कोई नहीं जानता। इस कुएं की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके ऊपर लगने वाले ढक्कन का वजन करीब डेढ़ से 2 टन है। सिर्फ खास मौकों पर ही इस कुएं का ढक्कन हटाया जाता है और इसके जल का उपयोग किया जाता है।
इसे क्यों कहते हैं सोने का कुआं?
इस कुएं में पांड्य राजा इंद्रद्युम्न ने सोने की ईंटें लगवाईं थीं, जो कि कुएं का ढक्कन खोलने पर स्पष्ट रूप से आज भी दिखाई देती हैं। कुएं में सोने की ईंट होने से भक्तों के मन में भी इस कुएं में सोना डालने का विचार मन में आया और ये एक परंपरा बन गया। इस कुएं के ढक्कन में एक छेद है, जिसमें से श्रद्धालु सोने की चीजें इसमें डाल देते हैं। आज तक इस कुएं से सोना निकाला नहीं गया, इसलिए ये कोई नहीं जानता कि इसमें कितना सोना है।
साल में 1 बार ही खुलता है ये कुआं
जगन्नाथ मंदिर का ये सोने का कुआं साल में सिर्फ एक बार आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर ही खुलता है, इसे देव स्नान पूर्णिमा भी कहते हैं। इस कुएं का जल से ही भगवान जगन्नाथ को स्नान करवाया जाता है। इस कुएं की निगरानी के लिए अलगे से व्यक्ति की नियुक्ति की जाती है जिसे सुना गोसाईं कहते हैं। ये कुआएं लगभग 4-5 फीट चौड़ा है। कुएं का ढक्कन हटाने के लिए 12 से 15 लोगों की जरूरत होती है।
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