सार

Hindu Rituals: हिंदू धर्म में विवाह से पहले सगाई करने की परंपरा है। सगाई के दौरान लड़का-लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। सगाई की ये अंगूठी एक खास अंगुली में ही पहनाई जाती है। इसके पीछे भी एक खास वजह है।

Interesting facts about the ring finger: विवाह होने से लड़के और लड़की के घर वालों द्वारा कईं परंपराएं निभाई जाती हैं। सगाई भी इनमें से एक है। सगाई के दौरान वर और वधू पक्ष के लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं साथ ही लड़का-लड़की एक-दूसरे को अंगूठी पहनाते हैं। ये अंगूठी इस बात का प्रमाण होती है कि लड़का-लड़की एक दूसरे के साथ विवाह कर पूरा जीवन साथ बिताना चाहते हैं। ये अंगूठी एक खास अंगुली में ही पहनाई जाती है। आगे जानिए कौन-सी ये अंगुली और इसी में क्यों पहनाते हैं सगाई की अंगूठी…

कौन-सी अंगुली में पहनाते हैं सगाई की अंगूठी?

सगाई की अंगूठी हमेशा उल्टे हाथ की अनामिका अंगुली (सबसे छोटी के पास वाली) में पहनाई जाती है। अंगूठी पहनाने की वजह से ही इसे रिंग फिंगर भी कहा जाता है। इस अंगुली को लेकर कहा जाता है कि इससे जुड़ी नस सीधे दिल तक जाती है और विवाह दो दिलों का मिलन है इसलिए सगाई की अंगूठी हमेशा बाएं हाथ की अनामिका अंगुली में ही पहनाई जाती है।

क्यों खास है अनामिक अंगुली?

हस्तरेखा शास्त्र में भी बाएं हाथ की अनामिका अंगुली का विशेष महत्व बताया गया है। ये अंगुली सूर्य और शुक्र से संबंधित होती है। सूर्य जहां सफलता, प्रसिद्धि और नेतृत्व का प्रतीक माना जाता है वही शुक्र का संबंध प्रेम, सुंदरता और कला से है। वैवाहिक सुख के लिए सूर्य और शुक्र ही ग्रहों का शुभ होना जरूरी है। इसलिए भी सगाई की अंगूठी पहनाने के लिए इसी अंगुली का उपयोग किया जाता है।

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समुद्र शास्त्र में अनामिका अंगुली का महत्व

ज्योतिष शास्त्र की ही एक अंग है समुद्र शास्त्र। इसमें शरीर के हर अंग के बारे में विस्तार से बताया गया है। उसके अनुसार, जिस व्यक्ति की अनामिका उंगली तर्जनी (अंगूठे के पास वाली) अंगुली से लंबी होती है, उनका वैवाहिक जीवन खुशियों में बीतता है। जीवनसाथी से उन्हें प्यार और सम्मान के साथ हर सुख मिलता है। एक यही भी कारण है अनामिक अंगुली में सगाई की अंगूठी पहनाने के पीछे।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।