सार

Hanuman Jayanti 2025: हनुमानजी के बारे में कहा जाता है कि वे अविवाहित हैं लेकिन ये बात पूरी सच नहीं है। पाराशर संहिता में हनुमानजी के विवाह का वर्णन मिलता है। तेलंगाना में हनुमानजी का एक ऐसा मंदिर हैं, जहां उनकी पूजा पत्नी के साथ होती है।

 

Hanuman Jayanti 2025: चैत्र पूर्णिमा पर हर साल हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 12 अप्रैल, शनिवार को है। हनुमानजी के जुड़ी अनेक मान्यताएं हमारे समाज में प्रचलित हैं। हनुमानजी के बारे में कहा जाता है कि वे अविवाहित हैं लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जहां हनुमानजी की पूजा उनकी पत्नी के साथ की जाती है। प्राचीन ग्रंथ पाराशर संहिता में हनुमानजी के विवाह का वर्णन भी मिलता है। आगे जानिए कौन हैं हनुमानजी की पत्नी और कहां है हनुमानजी का वो मंदिर जहां पत्नी के साथ होती है उनकी पूजा…

कौन है हनुमानजी की पत्नी?

- पाराशर संहिता के अनुसार, हनुमानजी की पत्नी का नाम सुर्वचला है जो सूर्यदेव की पुत्री हैं। प्रचलित कथा के अनुसार, हनुमानजी सूर्यदेव से शिक्षा पाना चाहते थे, लेकिन लिए उन्होंने सूर्य को अपना गुरु बनाया।
- भगवान सूर्यदेव ने हनुमानजी को अनेक विद्याओं का ज्ञान दिया लेकिन 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान देने से मना कर दिया क्योंकि वो ज्ञान सिर्फ विवाहित शिष्य को ही दिया जा सकता था।
- ऐसी स्थिति में हनुमानजी के सामने बड़ा धर्म संकट खड़ा हो गया क्योंकि वे सूर्यदेव से पूरा ज्ञान पाना चाहते थे। हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए वे विवाह नहीं करना चाहते थे।
- तब सूर्यदेव ने हनुमानजी को अपनी पुत्री सुवर्चला से करने के लिए कहा और विश्वास दिलाया कि विवाह के बाद में भी ब्रह्मचारी ही रहेंगे। तब हनुमानजी से सुवर्चला से विवाह कर लिया।
- विवाह के बाद सुवर्चला फिर से अपनी तपस्या में लीन हो गई और हनुमानजी ने सूर्यदेव से बची हुई चार विद्याओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया। इस तरह हनुमानजी का विवाह हुआ।

कहां है भगवान हनुमान और सुवर्चला का मंदिर?

भारत के तेलंगाना राज्य में खम्मम जिला है, यहां हनुमानजी के एक प्राचीन मंदिर स्थित है। इस मंदिर में हनुमानजी की प्रतिमा के साथ उनकी पत्नी सुवर्चला की मूर्ति भी स्थापित है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में हनुमान और उनकी पत्नी के दर्शन करता है, उनके वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और पति-पत्नी के बीच प्यार बना रहता है।

कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग- खम्मम से लगभग 99 कि.मी. की दूरी पर विजयवाडा हवाई अड्डा है। वहां तक हवाई मार्ग से आकर रेल या सड़क मार्ग से खम्मम पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग- खम्मम से देश के लगभग सभी बड़े शहरों के लिए नियमित रेल गाडियां चलती हैं।
सड़क मार्ग- खम्मम का सड़क मार्ग भी दूसरे कई शहरों से जुड़ा हुआ है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।