सार

Hanuman Jayanti 2025: हनुमानजी कलयुग के जीवंत देवता है यानी वे आज भी जीवित हैं, लेकिन वे कहां रहते हैं, इसके बारे में कोई नहीं जानता। गोवर्धनमठ के पुरी के शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी ने इस रहस्य के बारे में बताया है।

 

Hanuman Jayanti 2025: 12 अप्रैल, शनिवार को हनुमानजी के जन्मदिन है। इस दिन पूरे देश के हनुमान मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी अमर हैं यानी वे आज भी जीवित हैं। हनुमानजी को अमरता का वरदान देवी सीता ने दिया था। ऐसा भी कहा जाता है कि जहां भी रामकथा होती है, वहां हनुमानजी अदृश्य रूप में जरूर आते हैं। हनुमानजी अमर हैं ये बात तो सभी जानते हैं लेकिन वे रहते कहां है, इसके बारे में कोई नहीं जानता। गोवर्धनमठ पुरी के वर्तमान शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी ने इस रहस्य से परदा उठाया है। जानें कहां निवास करते हैं हनुमानजी…

शंकराचार्यजी ने खोला रहस्य

गोवर्धनमठ पुरी के वर्तमान शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे ये बता रहे हैं कि हनुमानजी का निवास कहां है। शंकराचार्य के अनुसार, महाभारत के एक प्रसंग में जब भीम की मुलाकात हनुमानजी से होती है, उस समय उन्होंने अपने निवास स्थान के बारे में बताया था।

कहां रहते हैं हनुमानजी?

शंकराचार्य के अनुसार, महाभारत के अनुसार, हनुमानजी गंधमादन पर्वत पर कदली वन में रहते हैं, कदली वन का अर्थ कैले के पेड़ों का जंगल। सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में गजदंत पर्वतों की एक श्रृंखला है, इनमें से एक को गंधमादन कहते थे। ये पर्वत धन के देवता कुबेर का भी निवास स्थान माना जाता है। वर्तमान में ये पर्वत तिब्बत में है।

यहां रोज होती है रामलीला

शंकराचार्य श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी के अनुसार, गंधमादन पर्वत पर रोज गंधर्वों द्वारा रामलीला की जाती है। हनुमानजी प्रसन्न होकर लोज इस रामलीला का दर्शन करके प्रसन्न होते हैं, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है। इसलिए यही मान्यता है कि हनुमानजी कलयुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं।


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