दिवाली केवल लक्ष्मी पूजा का ही नहीं, बल्कि धन के देवता कुबेर की पूजा का भी दिन है। कुबेर को विशेष चढ़ावे, जैसे धनिया, कमल गट्टे, इत्र, सुपारी, लौंग और फूल, घर में समृद्धि और धन लाते हैं। जानें कुबेर पूजा की सही विधि और उनका आशीर्वाद पाने के तरीके।
Diwali 2025 Kuber Puja: दिवाली केवल देवी लक्ष्मी की पूजा का ही त्योहार नहीं है, बल्कि यह धन और समृद्धि के देवता भगवान कुबेर की पूजा का भी दिन माना जाता है। इस दिन भगवान कुबेर को प्रसन्न करने से घर में धन-संपत्ति बनी रहती है। पूजा के दौरान उन्हें कुछ विशेष वस्तुएँ अर्पित करने से उनकी कृपा बढ़ती है और आपके घर में समृद्धि आती है। आइए जानें भगवान कुबेर को सबसे प्रिय वस्तुओं के बारे में।
धनिया (सूखा धनिया या धनिया पंजीरी)
धनिया समृद्धि और धन का प्रतीक माना जाता है। पूजा के दौरान सूखा धनिया या धनिया पंजीरी अर्पित करने से आर्थिक तंगी से राहत मिलती है और घर में धन की वृद्धि होती है।
कमलगट्टा (कमल के बीज)
कमलगट्टा भगवान लक्ष्मी और कुबेर दोनों को प्रिय है। पूजा के दौरान इसे अर्पित करने से घर में स्थायी धन और समृद्धि आती है। इसे लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है।
इत्र (सुगंधित द्रव)
भगवान कुबेर को सुगंध बहुत प्रिय है। इत्र अर्पित करने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। यह पूजा में ऐश्वर्य और आनंद की भावना का भी प्रतिनिधित्व करता है।
सुपारी और लौंग
सुपारी शक्ति और स्थिरता का प्रतीक है, जबकि लौंग पवित्रता और सुरक्षा का प्रतीक है। इन दोनों को अर्पित करने से पूजा में शुभता आती है और घर की रक्षा होती है।
फूल
गेंदे के फूल भगवान कुबेर को बहुत प्रिय हैं। नियमित रूप से पूजा में गेंदे के फूल अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।
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कुबेर पूजा के लिए अतिरिक्त सामग्री
आप कुबेर की पूजा के दौरान इलायची और दूर्वा घास जैसी वस्तुएं भी अर्पित कर सकते हैं। इलायची को शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसकी सुगंध और मिठास घर में लक्ष्मी और कुबेर की कृपा लाने में मदद करती है। दूर्वा (हरी घास) भी बहुत शुभ मानी जाती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा लाती है।
कुबेर के प्रिय व्यंजन
चावल की खीर और घी से बनी लपसी भगवान कुबेर के प्रिय व्यंजन हैं। खीर का भोग लगाने से जीवन में मिठास और संतुलन आता है, जबकि लपसी घर के भंडार को भरती है और अन्न व धन की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
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नैवेद्य का महत्व
पूजा के अंत में नैवेद्य, एक सात्विक और मीठा भोजन, अर्पित करना आवश्यक है। यह भक्त की भक्ति और समर्पण का प्रतीक है और इसे भगवान कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक प्रमुख तरीका माना जाता है।
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