सार

chanakya niti in hindi: आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथों में महिलाओं से संबंधित अनेक नीतियां बताई हैं। ये नीतियां आज के समय में भी आपके लिए जानना बहुत जरूरी है। इन नीतियों को जीवन में उतारकर हम सुखी रह सकते हैं।

 

Chanakya Niti Life Management: आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुछ काम ऐसे होते हैं, जो एक सीधी-सादी स्त्री को भी गलत रास्ते पर ले जा सकते हैं। इसलिए इन कामों से महिलाओं को बचकर रहना चाहिए। नहीं तो ऐसी स्त्रियों को समाज में अच्छी नजर से नहीं देखा जाता है। आगे जानिए कौन-से हैं ये 6 काम, जो महिलाओं को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

पृथ्वी से भारी क्या है, आकाश से भी ऊंचा क्या है? बहुत आसान हैं इन सवालों के जवाब

 

श्लोक
पानं दुर्जनसंसर्गः पत्या च विरहोटनम्।
स्वप्नोन्यगेहेवासश्च नारीणां दूषणानि षट्।।

अर्थ- 1. शराब पीना, 2. दुष्ट पुरुष की संगत, 3. पति से अलग रहना, 4. इधर-उधर घूमना, 5. असमय एवं देर तक सोते रहना 6. दूसरे के घर में रहना, ये 6 काम स्त्रियों को दूषित कर देते हैं।

महिलाएं भूलकर भी न पीएं शराब

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो महिलाएं शराब पीती हैं, उनके चरित्र का विश्वास नहीं करना चाहिए। क्योंकि शराब पीने के बाद किसी को भी अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता। ऐसी स्थिति में महिलाएं अपने स्तर से नीचे गिर जाती हैं। कभी-कभी लोग महिलाओं की इस स्थिति का गलत फायदा भी उठा लेते हैं।

दुष्ट लोगों से रहें दूर

चाणक्य के अनुसार, महिलाओं को दुष्ट पुरुष से कभी ज्यादा बात-चीत नहीं करनी चाहिए और न ही उनसे मेल-जोल बढ़ाना चाहिए। ऐसी स्त्रियों का चरित्र ठीक नहीं माना जाता। दुष्ट पुरुष की संगति में रहकर महिलाओं पर भी उसका बुरा असर हो सकता है।

पति से अलग न रहें

विवाह के बाद भी कुछ स्त्रियां अपने पति को छोड़ देती हैं या बिना कारण ही दूर रहती हैं। जो महिलाएं ऐसा रहती हैं, उनके चरित्र में दोष आने की संभावना बनी रहती है और वे हर काम अपनी मनमर्जी से करने लगती हैं। इसलिए महिलाओं को पति से अलग नही रहना चाहिए।

बिना-वजह इधर-उधर न घूमें

कुछ महिलाओं की आदत होती है कि वे बिना वजह इधर-उधर घूमती रहती हैं। ऐसी महिलाएं सामाजिक और पारिवारिक बंधनों को नहीं मानती और स्वच्छंद रहना पसंद करती हैं। ऐसी स्थिति किसी भी महिला के लिए ठीक नहीं होती।

असमय एवं देर तक न सोएं

महिलाओं को असमय व देर तक नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे परिवार में क्लेश होने की संभावना रहती है। शादीशुदा हो या अविवाहित, दोनों ही स्थिति में असमय और देर तक सोना ठीक नहीं होता। इससे परिवार वालों के मन में असंतोष पनपता है। इसलिए महिलाओं को ये गलती नहीं करनी चाहिए।

दूसरे के घर में न रहें

पिता के घर के बाद महिला को अपने पति का घर में ही रहना चाहिए क्योंकि यही वो स्थान है, जहां पत्नी के शील की रक्षा हो सकती है। किसी अन्य के घर में रहने से स्त्री के चरित्र में दोष आ सकता है या समाज उस पर आक्षेप लगा सकता है। इसलिए महिलाओं को दूसरे के घर में नहीं रहना चाहिए।


ये भी पढें-

भीम ने हिडिंबा से किस शर्त पर किया था विवाह?


महाकाल मंदिर में कब से शुरू होगी शिव नवरात्रि, क्यों मनाते हैं ये उत्सव? जानें डिटेल


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।