सार

budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को रिकॉर्ड आठवां लगातार बजट पेश कर रही हैं। इसके पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दही-चीनी खिलाकर उनका मुंह मीठा करवाया।

 

Budget 2025 News: 1 फरवरी को देश के केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना आठवां बजट पेश कर रही हैं। इस उनका रिकार्ड आठवां बजट है। बजट पेश करने के पहले निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने निर्मला सीतारमण को दही चीनी खिलाकर मुंह मीठा करवाया। किसी भी शुभ काम से पहले दही-चीनी खिलाकर मुंह मीठा कराना एक भारतीय परंपरा है। जानें क्या है इस परंपरा के पीछे की वजह…

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शुभ कार्य से पहले क्यों खिलाते हैं दही-चीनी?

जब भी कोई व्यक्ति किसी शुभ काम के लिए घर से बाहर जाता है तो उसे दही-चीनी खिलाने की परंपरा हिंदू धर्म में है। इस परंपरा के पीछे धार्मिक कारण छिपा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, दही का उपयोग अनेक उपायों में किया जाता है, दही शुक्र ग्रह का कारक है। शुक्र ग्रह के प्रभाव से हमें सुख-संपत्ति व अन्य भौतिक सुख मिलते हैं। जब इसमें शक्कर मिलाई जाती है तो इससे शुक्र ग्रह के शुभ प्रभाव में और वृद्धि हो जाती है। मान्यता है कि शुभ काम करने से पहले दही-चीनी खाने से उसमें आशा के अनुरूप सफलता मिलती है।

हेल्थ से भी जुड़ी है दही-चीनी

हमारे पूर्वजों ने घर के निकलने से पहले दही-चीनी खाने की परंपरा क्यों शुरू की, इसके बाद एक वैज्ञानिक कारण भी छिपा है। उसके अनुसार, दही में प्रोबायोटिक्स और जरूरी विटामिन होते हैं, जो हमारी इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। साथ ही दही-चीनी खाने से शरीर को जरूरी एनर्जी मिलती है और थकान दूर होती है। दही में चीनी मिलाने से वह ग्लूकोज़ का काम करता है जिससे हमें तुरंत ऊर्जा मिलती है। दही-चीनी के इतने सारे फायदों को देखते हुए भी हमारे पूर्वजों ने ये परंपरा शुरू की थी, जो आज भी जारी है।


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