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Badrinath Temple: कितनी चाबियों से खुलता है बद्रीनाथ मंदिर, पहले कौन करता है पूजा, कैसा है प्रतिमा का स्वरूप?

Badrinath Temple: 27 अप्रैल, गुरुवार की सुबह उत्तराखंड के चौथे धाम बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए गए। इसी के साथ उत्तराखंड के चारों धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन लोग कर पाएंगे।

 

Manish Meharele | Published : Apr 27 2023, 09:33 AM
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जानें बद्रीनाथ मंदिर से जुड़ी रोचक बातें...
Image Credit : Getty

जानें बद्रीनाथ मंदिर से जुड़ी रोचक बातें...

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है, कारण यह है कि यहां कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन्हीं में से एक है बद्रीनाथ जो उत्तराखंड के चार धामों के साथ-साथ देश के चार धामों में से भी एक है। (Badrinath Temple) शीत ऋतु के दौरान यहां भीषण बर्फबारी होती है, जिसके चलते 6 महीने तक इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। वैशाख मास में अक्षय तृतीया के बाद बद्रीनाथ के कपाट खोले जाते हैं। इस बार बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल, गुरुवार को दर्शनार्थियों के लिए खोले गए हैं। आगे जाने इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…

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इस मंदिर को क्यों कहते हैं बद्रीनाथ? (Why is this temple called Badrinath?)
Image Credit : Getty

इस मंदिर को क्यों कहते हैं बद्रीनाथ? (Why is this temple called Badrinath?)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस स्थान पर भगवान विष्णु ने कठोर तप किया था। तपस्या के दौरान सूर्यदेव की भीषण गर्मी से बचाने के लिए देवी लक्ष्मी ने बदरी यानी बेर का पेड़ बनकर विष्णु जी को छाया दी थी। देवी लक्ष्मी पर प्रसन्न होकर ही भगवान विष्णु ने इस स्थान को बद्रीनाथ के नाम से प्रसिद्ध का वर दिया था।

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कितनी चाबियों से खुलते हैं इस मंदिर के कपाट?
Image Credit : Getty

कितनी चाबियों से खुलते हैं इस मंदिर के कपाट?

बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने के लिए एक नहीं 3 चाबी का उपयोग होता है। ये तीनों चाबियां अलग-अलग लोगों के पास होती है। पहली चाबी उत्तराखंड के टिहरी राज परिवार के राज पुरोहित के पास, दूसरी बद्रीनाथ धाम के हक हकूकधारी मेहता लोगों के पास और तीसरी चाबी हक हकूकधारी भंडारी लोगों के पास होती है। इन तीनों चाबी के प्रयोग से ही बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलते हैं।

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सबसे पहले कौन करता है मंदिर में प्रवेश?
Image Credit : Getty

सबसे पहले कौन करता है मंदिर में प्रवेश?

मंदिर के दरवाजे खुलते ही सबसे पहले रावल (पुजारी) प्रवेश करते हैं और मूर्ति पर से कपड़ा हटाया जाता है। ये कपड़ा माणा गांव की कुंवारी लड़कियों द्वारा विशेष तौर तैयार किया जाता है। शीत ऋतु के आरंभ में जब मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं उस समय भगवान की मूर्ति पर घी का लेप लगाते हैं और इसके ऊपर ये कपड़ा लपेटा जाता है।

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कैसी है मंदिर में स्थापित प्रतिमा?
Image Credit : Getty

कैसी है मंदिर में स्थापित प्रतिमा?

मंदिर में भगवान विष्णु की एक मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित है, जो ध्यान मुद्रा में है। मंदिर में भगवान कुबेर देव और लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमाएं भी हैं। मंदिर में भगवान विष्णु जी के पांच रूबों की पूजा भी होती है जाती है, इन्हें पंचबद्री कहते हैं। भगवान बद्रीनाथ के इन 4 स्वरूपों के नाम श्री योगध्यान बद्री, श्री भविष्य बद्री, श्री वृद्ध बद्री, श्री आदि बद्री है।



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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

Manish Meharele
About the Author
Manish Meharele
मनीष जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक कर चुके हैं। 19 वर्षों से मीडिया में काम कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे चुके हैं और 2010 से 2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया है। उन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। मौजूदा समय में मनीष एशियाने न्यूज हिंदी डिजिटल में कार्यरत हैं। Read More...
 
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