सार
Jagannath Rath Yatra 2025: हर साल आषाढ़ मास में उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती है। इस बार ये रथयात्रा जून 2025 के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। इस रथयात्रा के देखने देश हीं नहीं विदेश से भी भक्त आते हैं।
Kab Se Shuru Hogi Jagannath Rath Yatra: उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। ये हिंदुओं के पवित्र 4 धामों में से एक भी है। हर साल आषाढ़ मास में यहां भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती है। इस रथयात्रा से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं। इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं। इस बार ये रथयात्रा जून 2025 के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी। जानें जगन्नाथ रथयात्रा की सही डेट…
कब से शुरू होगी जगन्नाथ रथयात्रा?
परंपरा के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होती है। इस बार ये तिथि 26 जून, गुरुवार की दोपहर 01 बजकर 24 मिनिट से शुरू होगी, जो 27 जून, शुक्रवार की सुबह 11 बजकर 19 मिनिट तक रहेगी। चूंकि आषाढ़ शुक्ल द्वितिया तिथि का सूर्योदय 27 जून को होगा, इसलिए इसी दिन से जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होगी।
कौन हैं भगवान जगन्नाथ की मौसी?
प्रचलित कथा के अनुसार, किसी समय पुरी में राजा इंद्रद्युम्न का शासन था। वे और उनकी पत्नी गुंडिचा भगवान जगन्नाथ की परम भक्त थी। गुडिंचा प्रतिदिन भगवान जगन्नाथ के बाल स्वरूप की पूजा करती थीं। प्रसन्न होकर एक दिन भगवान जगन्नाथ ने प्रकट होकर गुंडिचा को वरदान दिया कि साल में एक बार वे उनसे मिलने जरूर आएंगे और 8 दिनों तक विश्राम भी करेंगे। भगवान जगन्नाथ ने रानी गुंडिचा को मौसी की तरह सम्मान दिया। इसलिए रानी गुंडिचा को भगवान जगन्नाथ की मौसी कहा जाता है।
कहां है गुंडिचा मंदिर?
जगन्नाथ मंदिर से 3 किमी दूर है गुंडिचा मंदिर। रथयात्रा यहां आकर समाप्त होती है और भगवान 8 दिनों तक इसी मंदिर में अपने भाई-बहनों के साथ विश्राम करते हैं। 8 दिनों बाद भगवान जगन्नाथ पुन: अपने भाई-बहनों के साथ उसी रथ पर सवार होकर पुन: अपने मंदिर लौट जाते हैं। भगवान जगन्नाथ के लौटने की यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहते हैं।
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