Vijaya Parvati Vrat 2025: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में विजया पार्वती व्रत किया जाता है, इसे जया पार्वती भी कहते हैं। इस बार ये व्रत जुलाई में किया जाएगा। इस व्रत में देवी पार्वती की पूजा का विधान है। 

Vijaya Parvati Vrat 2025: हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को विजया पार्वती व्रत किया जाता है। कुछ धर्म ग्रंथों में इसे जया पार्वती व्रत भी कहा गया है। इस व्रत में देवी पार्वती की पूजा करने का विधान है। मान्यता है इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ये महिला प्रधान व्रत है। जानें इस बार कब करें विजया पार्वती व्रत, पूजा विधि, मंत्र आदि पूरी डिटेल…

कब करें विजया पार्वती व्रत 2025?

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 07 जुलाई, सोमवार की रात 11 बजकर 10 से शुरू होगी जो 08 जुलाई की रात 12 बजकर 38 मिनिट तक रहेगी। चूंकि त्रयोदशी तिथि का सूर्योदय 8 जुलाई को होगा इसलिए विजया पार्वती व्रत भी इसी दिन किया जाएगा।

विजया पार्वती व्रत शुभ मुहूर्त (Vijaya Parvati Vrat 2025 Shubh Muhurat)

सुबह 09:11 से 10:51 तक
सुबह 10:51 से दोपहर 12:31 तक
दोपहर 12:05 से 12:58 तक (अभिजीत मुहूर्त)
दोपहर 12:31 से 02:12 तक

विजया पार्वती व्रत पूजा विधि (Vijaya Parvati Vrat Puja Vidhi)

- 8 जुलाई, मंगलवार की सुबह स्नान आदि करने के व्रत-पूजा का संकल्प लें। मुहूर्त से पहले पूजा की पूरी तैयारी कर लें।
- घर में साफ स्थान पर एक लकड़ी की चौकी स्थापित कर इसके ऊपर शिव-पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
- शुद्ध जल से शिव-पार्वती का अभिषेक करें। कुमकुम का तिलक लगाएं, फूलों की माला अर्पित करें।
- भगवान के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। कुंकुम, कस्तूरी, अष्टगंध आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं।
- पूजा करते समय ऊं नम: शिवाय का जाप करते रहें। देवी को लाल वस्त्र और शिवजी को सफेद वस्त्र अर्पित करें।
- भगवान को मौसमी फल, नारियल और अन्य चीजों का भोग लगाएं। देवी पार्वती के मंत्रों का जाप करें।
- विजया पार्वती व्रत की कथा सुनें और आरती करें। इस व्रत के शुभ प्रभाव से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- संभव हो तो ब्राह्मणों को अपनी इच्छा अनुसार, कपड़े, धन, बर्तन अनाज आदि चीजों का दान भी करें।
- जो व्यक्ति इस विधि-विधान से विजया पार्वती का व्रत करता है, उसके जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।